नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का आज शाम 5.5 मिनिट पर दुखद निधन हो गया है, भारतीय जनता पार्टी के प्रथम अध्यक्ष अटलजी पिछले 2 महीने से दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थे. अटलजी को उनके प्रभावशाली नेतृत्व और शांति बनाए रखने के प्रयास के लिए जाना जाता है, इसका एक उदहारण देखने को मिलता है, भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में हुए कारगिल युद्ध में.
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कारगिल युद्ध के दौरान भी उन्होंने अपने सिद्धांतों का भली-भांति पालन किया था, युद्ध के समय भी उन्होंने भारतीय सेना को सीमा पर करने का आदेश नहीं दिया था. इस कारण तात्कालीन सेना प्रमुख वी पी मलिक, अटलजी से नाराज़ भी हो गए थे. हालाँकि अटलजी पाकिस्तानी घुसपैठियों को भारतीय सीमा से बाहर निकालने के पक्षधर थे, किन्तु वे नहीं चाहते थे कि भारतीय सेना सीमा पार कर पाकिस्तान में दाखिल हो.
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तात्कालीन सेना प्रमुख वी पी मलिक ने 2016 में इस बात का खुलासा करते हुए कहा है कि 1999 में भारतीय सेना पीओके में प्रवेश करने वाली थी, लेकिन अटलजी ने अंतरराष्ट्रीय दबाव का हवाला देकर उन्हें रोक लिया. वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने भी अपनी किताब में लिखा है कि अटलजी ने कारगिल युद्ध के दौरान तात्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को एक गुप्त पत्र भी लिखा था, जिसमे उन्होंने कहा था कि "हम उन्हें बाहर करेंगे, एक रास्ते या फिर दूसरे रास्ते से". पाकिस्तान के साथ संबंधों को सुधारने की पहल करने वाले अटलजी पहले प्रधानमंत्री थे.
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