सपा के राज में चरम पर था अतीक का आतंक, पुलिस तक नहीं लिखती थी शिकायत !

सपा के राज में चरम पर था अतीक का आतंक, पुलिस तक नहीं लिखती थी शिकायत !
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प्रयागराज: समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद के मारे जाने के बाद अब उसके आतंक और खूनी साजिशों के किस्सों की चर्चा जमकर हो रही है. सपा सरकार में माफिया डॉन अतीक अहमद का आतंक अपने चरम पर था. ये वो दौर था, जब आलीशान बंगलों पर अतीक अहमद बेख़ौफ़ होकर कब्जा कर लेता था. अतीक अहमद की गुंडई के किस्से CCTV में भी कैद है.

ऐसा ही एक किस्सा कारोबारी राजीव टंडन से संबंधित है. दरअसल, राजीव के पर दादा ने एक भूमि खरीदी थी. राजीव टंडन की शादी 1989 में हुई थी. वे वायर का काम करते थे. उन्होंने वायर से सम्बंधित एक बड़ा कारखाना खोल रखा था. इसके बाद राजीव को एक बीमारी ने घेर लिया. 6 माह तक राजीव टंडन बिस्तर पर ही रहे. इधर उन्हें अपने कारोबार में नुक्सान होने लगा था. इसके कारण स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से उनको कर्ज तक लेना पड़ा था. राजीव ने जो कर्ज लिया था. वो लगातार उन पर बढ़ता ही जा रहा था. लोन चुकाने के लिए राजीव टंडन ने एक कोचिंग सेंटर भी शुरू किया. जिसकी शुरुआत 15 बच्चों के साथ हुई.

इस बात की भनक जब माफिया डॉन अतीक को लगी, तो उसने 2014 में अक्टूबर में 2 महीने में राजीव को अपना घर खाली करने के लिए कह दिया. अतीक ने धमकी देते हुए कहा कि मैंने ये संपत्ति खरीद ली है. इसके बाद एक शाम अतीक अपने गुर्गे अजय हेला के साथ 6 गुंडों को लेकर राजीव टंडन के घर पर जा धमका. 3 गाड़ियों से अतीक के लोग राजीव के घर में दाखिल हुए. घर में राजीव की पत्नी थी. उन्होंने दरवाजा नहीं खोला, तो खुद अतीक धमकाता हुआ भीतर घुसा. राजीव टंडन का आलीशान घर 1264 गज भूमि में बना हुआ था. जिसकी उस वक़्त 15 करोड़ के लगभग थी. 

अतीक की ताकत और अतीक की दहशत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पुलिस ने मामले में राजीव की शिकायत भी दर्ज नहीं की. राजीव टंडन के अनुसार, उन्होंने अतीक के खिलाफ थाने में शिकायत दी. उस समय राज्य में सपा की सरकार थी. मगर शिकायत में अतीक का नाम देखकर पुलिकर्मियों ने उन्हें थाने से भगा दिया और मामला दर्ज नहीं किया. इस पूरी घटना से राजीव टंडन बुरी तरह से टूट चुके थे. उन्होंने इसके बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) का सहारा लिया और फिर VHP के सक्रिय सदस्य बन गए. VHP का बोर्ड घर पर लगाने के बाद जाकर उनका घर बच सका था। राजीव अपने घर को बचाने के लिए वहां VHP के कार्यक्रम करवाने लगे थे, राजीव टंडन बताते हैं कि, साल 2017 में सरकार बदली तो उनकी एफआईआर खुल्दाबाद थाने में दर्ज हुई. 

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