नई दिल्ली: भारतीय सेना की प्रतिबंधित, गोपनीय एवं महत्वपूर्ण जानकारी को पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी ISI को भेजने के आरोपी आफताब अली को ATS के विशेष न्यायाधीश मोहम्मद ग़ज़ाली ने पांच वर्ष तीन माह की कैद और 4800 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
कोर्ट के सामने NIA के विशेष वकील एमके सिंह की दलील थी कि ATS को पता चला कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए यहां रहने वाले कई लोगों को पैसे देने का लालच देकर खुफिया जानकारियां देने के काम पर लगाया है। ये वही लोग हैं, जिनकी रिश्तेदारियां पाकिस्तान में हैं। ऐसे लोगों को धर्म के आधार पर, शादी का और पैसे का लालच देकर भारत की जासूसी करने के काम पर लगाया जाता था। पता चला कि अयोध्या के रहने वाले आफताब अली ने फर्जी नाम-पते पर मोबाइल सिम लेकर सेना के प्रतिबंधित, गोपनीय एवं महत्वपूर्ण जानकारियां ISI को भेजी हैं।
आफताब अयोध्या और लखनऊ में सेना की गतिविधि, बटालियन की नियुक्ति, ट्रेन से जा रही सेना के रेजिमेंट का वक़्त भी बता रहा था। इसके बदले में ISI आफताब को उसके विजया बैंक के अकाउंट में पैसा भेजती थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है, जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी को कारावास एवं जुर्माने की सजा से दंडित किया है।
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