नई दिल्ली: भारत में यूरेनियम की बड़ी खेप लाने की नापाक कोशिश नाकाम कर दी गई है। इस मामले में पुलिस ने भारत-नेपाल बॉर्डर पर 11 अफगानी सहित 13 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरफ्तारी के बाद अब भारत-नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। नेपाल ने बताया है कि उसने इस मामले में दो दोषियों को विराटनगर से 23 जुलाई को अरेस्ट किया था। पिछले हफ्ते 11 अफगानिस्तान और दो नेपाली नागरिकों को दो किलोग्राम यूरेनियम की तस्करी की कोशिश में अरेस्ट किए जाने के बाद भारत-नेपाल सरहद पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
इसके फौरन बाद नेपाल के गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि तीसरे देशों के नागरिक अत्यधिक संवेदनशील यूरेनियम की तस्करी के लिए बिहार और नेपाल की खुली सरहद का सहारा ले रहे हैं। यह दोनों देशों के लिए खतरा है। सूत्रों के अनुसार, आरोपी बिहार के अररिया जिले में जोगबनी बॉर्डर से घुसने का प्रयास कर रहे थे। अफगान नागरिकों की गिरफ्तारी एक संवेदनशील मामला है, क्योंकि यह सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पटना में एक संदिग्ध फुलवारी शरीफ आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश करने के कुछ दिनों बाद आया है। भारत की सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार जिलों जैसे सीमांचल जिलों में बड़ी तादाद में स्लीपर सेल सक्रिय हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी दावा किया कि बिहार में स्लीपर सेल बड़ी तादाद में एक्टिव हैं। उन्होंने कहा है कि, ‘नेपाल में विकास के बाद हम बिहार और नेपाल को जोड़ने वाली हर सरहद चौकी पर छानबीन तेज कर रहे हैं।’ अररिया जिले में जोगबनी सीमा पर BSF के एक अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों के नागरिकों को इन दोनों सरहदों में यात्रा करने से पहले वैध पहचान प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
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