इंडिया में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के केस बढ़ते ही चले जा रहे है। ऐसे लोगों के जेहन में कई सारे प्रश्न उठने लगे हैं कि क्या मंकीपॉक्स के बड़े स्तर पर फैलने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। दिल्ली में भी एक मरीज में इसकी पुष्टि हुई है। मरीज 34 साल के एक व्यक्ति है जिसका विदेश यात्रा का कोई इतिहास नहीं था। ऐसी खबरों ने World Health Organization (WHO) की भी चिंता और भी ज्यादा बढ़ा दी है। Monkeypox को लेकर WHO ने लोगों को चेतावनी भी जारी कर दी है। आज हम आपको ऐसे ऐप के बारे में बताने जा रहे हैं इससे आपके इसके लक्षण के बारे में पता चलेगा और सारी जानकारी मिलेगी।।।
Monkeypox से बचने के लिए आप WHO की मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। यहां आपको Monkeypox को लेकर सारी सूचना मिल जाएगी। ऐप से आपको लोकेशन के साथ Monkeypox के मरीजों के बारे में पता चलने वाला है। इस ऐप में बचने के तरीकों के बारे में भी जानकारी दी गई है।
क्या है मंकीपॉक्स?: खबरों का कहना है कि मंकीपॉक्स एक जूनोटिक डिजीज है, जो कि लगभग चिकनपॉक्स की तरह होने वाली है। लेकिन यह चिकनपॉक्स नहीं होने वाली है। यदि आप मंकीपॉक्स की पहचान करना चाहते हैं, तो मंकीपॉक्स के लक्षणों के बारे में अवश्य सूचना लें।
मंकीपॉक्स वायरस के खतरनाक लक्षण: सीडीसी का कहना है कि मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण चिकनपॉक्स की तरह ही होते हैं। लेकिन यह हल्के होते हैं। आइए मंकीपॉक्स के लक्षण जानते हैं। जैसे-
- बुखार
- सिरदर्द
- लिंफ नोड्स में सूजन
- मसल्स में दर्द और कमर दर्द
- ठंड लगना
- अत्यधिक थकान
- चेहरे, मुंह के अंदर, हाथ-पैर, छाती, जननांग, मलद्वार आदि जगहों पर पिंपल या छाले की तरह दिखने वाला रैशेज, आदि।
मंकीपॉक्स वायरस से बचने के टिप्स:
- जिस व्यक्ति पर मंकीपॉक्स जैसा रैशेज भी दिखाई दे रहे है, उससे नजदीकी या स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट नहीं करना चाहिए।
- जिस व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिख रहे है, उसकी चादर, तौलिया या कपड़ों जैसी पर्सनल चीजें ना छुएं।
- अपने हाथों को साबुन व पानी से धोएं या एल्कोहॉल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
- अगर आप के अंदर मंकीपॉक्स के लक्षण दिख रहे हैं, तो घर पर रहें।
- अपने पालतू जानवरों से भी दूरी बनाकर रखें।
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