डायबिटीज एक ऐसी परेशानी है जो एक बार होने के पश्चात् ठीक नहीं हो सकती है। हालांकि आप इसे नियंत्रित अवश्य कर सकते हैं। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आवश्यक है कि आप वक़्त पर दवा का सेवन करें, डाइट का विशेष ध्यान रखें तथा प्रतिदिन एक्सरसाइज करें। इससे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है। वही जब आप डायबिटीज को अच्छी प्रकार से मैनेज नहीं कर पाते तो इससे ब्लड शुगर लेवल बहुत अधिक बढ़ता है जिससे आपको कई प्रकार की खतरनाक बीामारियों का संकट भी बढ़ जाता है। हाई ब्लड शुगर एक संकेत शरीर से आने वाली अजीब सी गंध है। विशेष रूप से ये गंध आपकी सांस से आती है।
ऐसे में आवश्यक है कि आप डायबिटीज के संकेतों के प्रति सतर्क रहें तथा तुरंत डॉक्टर की मदद लें। डायबिटीज की दिक्कत को अनदेखा करने से स्ट्रोक, हार्ट अटैक तथा शरीर के अंग काटने तक की नौबत आ सकती है। डायबिटीज का एक खतरनाक साइड इफेक्ट डायबिटीज कीटोएसिडोसिस है। यह दिक्कत तब उत्पन्न होती है जब आपके शरीर में इंसुलिन की मात्रा बहुत कम होती है जिससे कोशिकाएं ब्लड शुगर का उपयोग एनर्जी के रूप में नहीं कर पाती, तब लिवर ऊर्जा के लिए फैट को तोड़ता है, जो कीटोन्स नाम का एसिड का उत्पादन करता है। जब आपके शरीर में बहुत तेजी से कीटोन का उत्पादन होता है तो ब्लड एवं यूरिन में यह बहुत खतरनाक तरीके से बढ़ने लगता है। यह रिएक्शन आपके लिवर के भीतर होता है जिससे आपका खून एसिडिक हो जाता है।
यह स्थिति 3 तरह की सांसों की गंध पैदा कर सकती है। यह टॉक्सिसिटी का संकेत है। कीटोन्स हमारी सांसों और पसीने के माध्यम से शरीर से बाहर निकलते हैं जिससे ये गंध आती है। यदि आपके शरीर से भी इस प्रकार की गंध आती है तो यह संकेत देता है कि आपके शरीर में कीटोन्स की मात्रा बाहर अधिक है। सांस से मल जैसी गंध आना। यह लंबे वक़्त तक उल्टी करते रहने तथा बाउल मूवमेंट में रुकावट की वजह से हो सकता है। सांस से अमोनिया की भांति गंध आना, ऐसा विशेष रूप से जब होता है जब किसी व्यक्ति को क्रॉनिक किडनी फेलियर का सामना करना पड़ता है। ब्लड शुगर लेवल का टेस्ट करने के अतिरिक्त इन संकेतों पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है जो भले ही काफी छोटे महसूस हो सकते हैं मगर बीमारी की गंभीरता के बारे में बताते हैं। ये संकेत आपको बीमारी का पता लगाने में सहायता कर सकते हैं।
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