मुंबई: महाराष्ट्र में औरंगाबाद महानगरपालिका के चुनाव जल्द होने वाले हैं। अब इसी बीच राज्य में औरंगाबाद के नाम को लेकर फिर सियासत आरम्भ हो चुकी हैं। शिवसेना ने औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर किए जाने की मांग की है। वहीं, महाविकास अघाड़ी सरकार की सदस्य कांग्रेस ने इस बात पर विरोध जताया है। दूसरी तरफ महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने साफ कर दिया कि, 'अगर नाम बदला गया, तो सरकार खतरे में आ जाएगी।'
हाल ही में कांग्रेस नेता निरुपम ने शिवसेना पर अपना एजेंडा चलाने का आरोप लगाया है। बीते शनिवार को उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'औरंगाबाद का नामांतरण शिवसेना का अपनी पुराना एजेंडा है। लेकिन सरकार तीन पार्टियों की है, यह नहीं भूलना चाहिए। गठबंधन की सरकारें कॉमन मिनिमम प्रोग्राम से चलती हैं। किसी के पर्सनल एजेंडे से नहीं। प्रोग्राम काम करने के लिए बना है, नाम बदलने के लिए नहीं।' इसी के साथ निरुपम ने शिवसेना को चेतावनी भी दे दी है।
उन्होंने यह भी लिखा है, 'औरंगजेब का व्यक्तित्व विवादास्पद रहा है। उसके हर पक्ष से कांग्रेस सहमत हो जरूरी नहीं। संभाजी महान योद्धा थे। उनका आत्मोत्सर्ग वंदनीय है। इस पर कोई मतभेद नहीं। लेकिन सरकार चलाते समय शिवसेना महापुरुषों को बीच में लाएगी तो यकीनन गच्चा खा जाएगी। खुद तय कर ले।' वहीं राज्य में विपक्ष की भूमिका निभा रही भारतीय जनता पार्टी ने एमवीए सरकार पर निशाना साधा है।
हाल ही में बीजेपी प्रवक्ता राम कदम ने भी कहा कि, 'शिवसेना चुनाव तक यह नाटक करेगी। बीजेपी का साथ शिवसेना सत्ता में थी, तो औरंगाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव नहीं भेजा। अब चुनाव के वक्त उन्हें यह याद आया।' उनके अलावा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता बाला नांदगांवकर ने कहा कि, 'कैबिनेट मंत्री अब्दुल सत्तार को शिवसेना ने भरोसा दिया था कि औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर नहीं किया जाएगा। इसी के साथ उन्होंने पूछा, शिवसेना अब्दुल सत्तार या जनता किससे झूठ बोल रही है।'
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