औरंगजेब के नाम पर महाराष्ट्र में तो एक भी शहर नहीं होना चाहिए: संजय राउत

औरंगजेब के नाम पर महाराष्ट्र में तो एक भी शहर नहीं होना चाहिए: संजय राउत
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मुंबई: महाराष्ट्र में इस समय औरंगाबाद शहर का नाम संभाजीनगर करने का मामला जोर पकड़े हुए हैं। यहाँ इसी मुद्दे को लेकर शिवसेना और कांग्रेस में जबरदस्त टक्कर देखने के लिए मिल रही है। दोनों पक्ष दिन पर दिन बयानबाजी कर रहे हैं। बीते रविवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने इस मुद्दे पर सामना में लिखा। सामना में उन्होंने शिवसेना-भाजपा को याद दिलाया कि 5 साल साथ-साथ केंद्र और राज्य में सरकार चलाने के दौरान ही दोनों ने औरंगाबाद का नामांतरण क्यों नहीं कर लिया था। इसके अलावा शिवसेना के पार्टी मुखपत्र सामना के अपने साप्ताहिक स्तंभ रोखटोक में संजय राउत ने कांग्रेस को भी निशाने पर लिया।

उन्होंने सबसे पहले सवाल किया- 'औरंगजेब कौन था ?'। वहीं आगे उन्होंने लिखा- 'कम से कम महाराष्ट्र को तो यह समझाने-बताने की आवश्यकता नहीं है। सच्चे मराठी व कट्टर हिंदू व्यक्ति को औरंगजेब के प्रति मोह होने की कोई वजह नहीं है। कांग्रेस जैसे ‘सेक्युलर’ दल औरंगाबाद का संभाजीनगर न हो, ऐसे विचार वाले हैं। औरंगाबाद का नामांतरण करने से मुस्लिम समाज अर्थात अल्पसंख्यक नाराज हो जाएंगे और वोट बैंक पर असर होगा, मतलब खुद की सेक्युलर छवि पर सवालिया निशान लग जाएगा।'

इसी के साथ आगे सामना में संजय राउत ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए लिखा कि, 'महाराष्ट्र के सभी नेताओं को औरंगजेब का रक्तरंजित इतिहास फिर से पढ़ना चाहिए। कम से कम अपने बचपन के इतिहास की स्कूली पाठ्यक्रम की पुस्तकों पर तो नजर दौड़ानी ही चाहिए। औरंगजेब ‘सेक्युलर’ कभी भी नहीं था। उसे इस्लाम धर्म आधारित साम्राज्य का विस्तार करना था। औरंगजेब के जीवन में कपट, धर्मांधता, अमानवीयता कूट-कूटकर भरी थी। उसने शिवाजी राजे को तो शत्रु माना ही, छत्रपति संभाजी राजे को बेहाल करके मार डाला। ऐसे औरंगजेब के नाम पर महाराष्ट्र में तो एक भी शहर नहीं होना चाहिए। इसे धर्मांधता न होकर शिवभक्ति कह सकते हैं। महाराष्ट्र का स्वाभिमान कहें या इतिहास का भान, परंतु ऐसा औरंगजेब किसी को प्रिय होगा तो उसे कोने से साष्टांग दंडवत ! ये बर्ताव ‘सेक्युलर’ नहीं है!' अब बात करें औरंगाबाद का नामकरण संभाजीनगर करने की मांग के बारे में तो यह मांग शिवसेना संस्थापक बाला साहब ठाकरे ने करनी शुरू की थी, वहीं अब तक यह मांग की जा रही है।

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