सरकार के नए नियम के तहत 1 अप्रैल से बीएस-3 मानक वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन पर प्रतिबंध लगा दिया हैं। इस नियम के तहत वाहन कंपनी को काफी नुकसान हुआ हैं। और अब भारतीय ऑटो इंडस्ट्री को उत्सर्जन मानकों के अन्य मसलन सुप्रीम कोर्ट या राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) से स्थिति में स्पष्टता का इंतजार है क्योंकि इस मामले से चीजें और जटिल होती नजर आ रही हैं।
इस मामले को देखते हुए जर्मनी की लग्जरी वाहन निर्माता कंपनी मर्सिडीज बेंज का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने भारत बीएस-3 मानक वाहनों पर प्रतिबंध होना ये ऑटो इंडस्ट्री के लिए एक सबक सीखने जैसा है, इससे साल 2020 में बीएस-6 उत्सर्जन मानक लागू हों तो इसी तरह कोई स्थिति उत्पन्न हो पाए।
इसके अलावा मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोलैंड फॉल्गर का कहना है कि, ‘‘अगर आप कठोरता से सभी कानूनों का पालन करते हैं, तो आप ये मत समझना की सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी उन फैसलो अनदेखा करेगी जो लोगों के स्वास्थ्य लिए हानिकारक हैं।’’ उन्होंने ये भी कहा कि बीएस-3 वाहनों पर जब प्रतिबंध लगाया गया तो उन्हें बेहद हैरानी हुई है। इससे कंपनी की यह बात सही साबित होती है कि देश में पर्यावरण की जागरूकता बढ़ रही है।
पॉश और BMW जैसी लग्जरी कारों कीमत हुई आधी
बीएस-3 वाहन के प्रतिबंध से क्या प्रभाव पड़ेगा आपके वाहन पर
Hyundai लेकर आया है, ड्रोन कार डिलीवरी सर्विस !