रेड बुल रेसिंग टीम के पिट क्रू स्टाफ ने धरती से 33 हजार फीट की ऊंचाई पर बड़ा कारनामा किया है। टीम ने इतनी उचाई पर रेसिंग कार के टायर बदले। इतनी ऊंचाई पर जिस जगह टायर बदले गए, वहां जीरो ग्रेविटी थी। यानी गुरुत्वाकर्षण बल काम नहीं कर रहा था, ठीक उसी तरह जैसे चांद पर गुरुत्वाकर्षण काम नहीं करता। इन परिस्थितियों में भी रेड बुल पिट क्रू टीम ने महज 22 सेकंड में टायर बदलने का कारनामा कर दिखाया।
ध्यान देने वाली बात ये है की जीरो ग्रेविटी में टायर बदलने के लिए रेड बुल की 2005 मॉडल की एक कार को प्लेन की मदद से ऊंचाई तक ले जाया गया। फिर वहां प्लेन के भीतर ही टायर बदले गए। जीरो ग्रेविटी में तेजी से टायर बदलने के लिए 16 पिट क्रू मेंबर्स को करीब एक महीने की खास ट्रेनिंग दी गई। रेड बुल ने ही बीते अगस्त में रेस ट्रैक पर सबसे कम समय 1.82 सेकंड में कार के टायर बदलने का रिकॉर्ड बनाया था। एक बार टायर बदलने में 19 मैकेनिक की जरूरत होती है। जैसे ही रेसर की कार आकर रुकती है, हर टायर पर 3 से 4 मैकेनिक लगते हैं। रेस के दौरान एक-एक माइक्रो सेकंड की भी इतनी अहमियत होती है कि एक्सपर्ट मैकेनिक औसतन 3 सेकंड में ही कार के टायर बदल देते हैं।
Mercedes V Class को टक्कर देने टोयोटा की ये कार अगले साल होगी लांच, ये है फीचर्स
टाटा की इस कार ने मार्किट में मचाया था धमाल अब फेसलिफ्ट वर्जन लांच की तैयारी ......
कार लॉन्ग ड्राइव का शॉक रखते है तो इन बातो में बरते सावधानी वार्ना मिलेंगे गंभीर नुकसान