देश में Fastags बिक्री जोरों पर है नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर के आखिर तक टैग्स की बिक्री 79 लाख को पार कर गई। आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2019 में फास्टैग की 3.49 लाख ट्रांजेक्शन हुई, जिसकी वेल्यू 773.95 करोड़ थी, जबकि अक्तूबर 2019 में यह आंकड़ा 3.14 लाख था, जिसकी वेल्यू 702.95 करोड़ रुपये थी। इस समय देशभऱ में 24 बैंक नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन प्लेटफॉर्म का प्रयोग कर रहे हैं।
आंकड़ों के मुताबिक इस साल की शुरुआत में नेशनल हाइवेज पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन 25 फीसदी थी, जो अब 40 फीसदी तक पहुंच चुका है। वहीं NHAI के टोल प्लाजा पर रोजाना फास्टैग्स के जरिये 20-25 करोड़ की वेल्यू की 11 लाख ट्रांजेशन होती हैं। सड़क, परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 26 को सबसे ज्यादा 1,35,583 टैग्य जारी किए गए, जबकि एक दिन पहले ही 1.03 टैग्स जारी किए गए थे। माना जा रहा है फास्टैग्स की बिक्री में इतना उछाल उसकी कीमतों में कमी करने के बाद आया है। मंत्रालय का कहना है कि 560 टोल प्लाजा पर इनके जरिये कैशलेस पेमेंट किया जा सकता है।
ध्यान देने वाली बात ये है की रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग्स यानी Fastag की बिक्री में 24 फीसदी का उछाल आया है। नवंबर में 79.01 लाख फास्टैग्स की बिक्री हुई, जबकि अक्टूबर में यह आंकड़ा 63.71 लाख यूनिट्स का था। आंकड़ों के मुकाबिक नवंबर में 15 लाख ज्यादा फास्टैग्स की बिक्री हुई। सरकार ने फास्टैग प्रोग्राम को 2017 में शुरू किया था, ताकि टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम से बचने के लिए कैशलेस पेमेंट की जा सके।
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