हम में से ज्यादात्तर लोगों को एचआईवी और एड्स को एक ही मानते हैं। अक्सर लोग दोनों के मतलब को समझने में भूल कर देते हैं। एचआईवी ( HIV) एक वायरस है जो एड्स नाम की बीमारी को जन्म दे सकता है। इसलिए आपको एचआईवी और एड्स के बीच का अंतर पता होना चाहिए। आइए एड्स डे के मौके पर जानते हैं एचआईवी और एड्स में क्या फर्क होता हैं।
एचआईवी हानिकारक एजेंट से लड़ने के लिए व्यक्ति के शरीर में प्राकृतिक रक्षा तंत्र होता है। एचआईवीहमारे इम्यूव सिस्टम को प्रभावित करता है। शरीर को बीमारियों से बचाने के लिए इम्यून सिस्टम सफेद रक्त कोशिकाओं को इस्तेमाल करता है। हालांकि एचआईवी वायरस सफेद रक्त कोशिकाओं के साथ CD4 को भी प्रभावित करता है। CD4 एक ग्लाइकोप्रोटीन होता है जो इम्यून कोशिकाओं की सतह पर पाया जाता है। इस वायरस की वजह से एचआईवी इंफेक्शन होता है जिसका अभी तक कोई सही तरीके से इलाज नहीं है।
एचआईवी इंफेक्शन की आखिरी स्टेज में शरीर का इम्यून सिस्टम पूरी तरह से फेल हो जाता है। इस कंडीशन को एड्स कहा जाता है। एड्स की वजह से वजन कम होना, सिरदर्द के साथ अन्य शारीरिक और मानसिक समस्याएं होने लगती है। एड्स से ग्रसित व्यक्ति को किसी भी तरह के संक्रमण हो सकते हैं क्योंकि इम्यून सिस्टम पूरी तरह फेल हो चुका होता है।
एड्स एचआईवी ( HIV) वायरस के कारण एड्स की बीमारी हो सकती है। एड्स तब होता है जब व्यक्ति का इम्यून सिस्टम इंफेक्शन से लड़ने में कमजोर पड़ जाता है। इसके अलावा जब एचआईवी वायरस का इंफेक्शन बहुत बढ़ जाता है। जिसके चलते शरीर स्वयं की रक्षा नहीं कर पाता और शरीर में कई बीमारियां, संक्रमण हो जाते हैं। अभी तक एचआईवी और एड्स का कोई इलाज उपलब्ध नहीं हो पाया है लेकिन सही उपचार से एचआईवी पीड़ित व्यक्ति स्वस्थ जीवन जी सकता है।
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