चीन की तमाम कंपनियां इलेक्ट्रिक कारें बनाने में जुटी हुई हैं। दुनियाभर में चीन को इलेक्ट्रिक कारों का गढ़ माना जाता है। वहां की सरकार भी इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देने के लिए तमाम योजनाएं चला रही हैं। लेकिन एक चौंकाने वाली आंकड़े सामने आए हैं। चीन की जमीन पर जापानी ऑटो कंपनियों टोयोटा और होंडा ने चीनी कंपनियों को मात दी है। हाल ही में खबरें आई थीं कि दुनिया का ऑटो सेक्टर मंदी की मार से जूझ रहा है। पूरी दुनिया में कारों की बिक्री में गिरावट आई है। फिच रेटिंग्स की रिपोर्ट कहती है कि 2019 में कारों की बिक्री 31 लाख यूनिट्स तक घटी है। वहीं दुनिया की दो बड़ी कार कंपनियां टोयोटा मोटर कॉर्प और होंडा मोटर्स ने कारों की घटती बिक्री की रफ्तार को थामा है, जो जून 2018 से लगातार गिरावट का दौर देख रहा है।
ध्यान देने वाली बात ये है की इस बाजार में पेट्रोल पर चलने वाली हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कारों की मांग बढ़ रही है। ये दोनों की जापानी कंपनियां इस टेक्नोलॉजी में एक्सपर्ट हैं। ये कारें चीनी लोगों को भी खूब भा रही हैं, क्योंकि चीनी सरकार का इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के बावजूद वहां की जनता अभी तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी की इच्छुक नहीं है।टोयोटा पहले ही हाइब्रिड कार टोयोटा प्रियस बनाती रही है, जो दुनिया की लोकप्रिय हाइब्रिड कारों में से एक है। वहीं होंडा और निसान कार कंपनियां भी हाइब्रिड टेक्नोलॉजी को पहले ही अपना चुकी हैं, जिसमें इंटरनल कंब्शचन इंजन को इलेक्ट्रिक मोटर के साथ जोड़ा जाता है। इसी फीचर के चलते लोग पेट्रोल से चलने वाली कारों की मांग अभी भी बनी हुई है।
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