नोटबंदी का लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ा था। इससे आम जनता तो परेशान थी ही लेकिन इसका व्यापार पर गहरा प्रभाव पड़ा था। लेकिन सेल्स में कमी का सामना करने के बाद अधिकतर मार्केट्स अब अपने पहले वाली स्थिति की ओर लौट रहे हैं। फरवरी में पैसेंजर वीइकल की सेल्स में 9.5 प्रतिशत की वृध्दि दर्ज की गई। पिछले महीने कार मेकर्स ने लगभग 2,56,342 यूनिट्स की बिक्री की। पिछले वर्ष के इसी महीने में यह आंकड़ा 2,34,154 यूनिट्स दर्ज किया गया था।
खास कर यूटिलिटी वीइकल सेगमेंट में नए लॉन्च से पिछले महीने डोमेस्टिक मार्केट में वीइकल मैन्युफैक्चरर्स को बिक्री बढ़ाने में मदद मिली। देश की सबसे बड़ी कार मेकर मारुति सुजुकी ने फरवरी में 1,20,599 यूनिट्स की बिक्री के साथ 11.5 पर्सेंट की ग्रोथ हासिल की। हालांकि, कंपनी की ऑल्टो और वैगनआर जैसी छोटी कारों की सेल्स पिछले महीने 6.8 प्रतिशत गिरकर 33,079 यूनिट्स की रही, जबकि कॉम्पैक्ट कारों (स्विफ्ट, इग्निस, सेलेरियो, बलेनो और डिजायर) की बिक्री 9.4 प्रतिशत बढ़कर 47,002 यूनिट्स पर पहुंच गई। पिछले महीने मारुति की सियाज की सेल्स 14 प्रतिशत के इजाफे के साथ 5,886 यूनिट्स की रही।
कोरियाई ऑटोमोबाइल कंपनी ह्यूंदै के क्रेटा मॉडल की मजबूत डिमांड के दम पर कंपनी की वॉल्यूम चार प्रतिशत बढ़कर 42,327 यूनिट्स पर पहुंच गई। कंपनी की डोमेस्टिक सेल्स वॉल्यूम में कॉम्पैक्ट एसयूवी क्रेटा की 9,002 यूनिट्स की सेल्स के साथ हिस्सेदारी लगभग 20 प्रतिशत रही। क्विड की जोरदार सेल्स के चलते रेनॉ की वॉल्यूम भी लगभग 27 प्रतिशत बढ़कर 11,198 यूनिट्स पर पहुंच गई। रेनॉ की सेल्स में क्विड की हिस्सेदारी 85 प्रतिशत से अधिक की रही। इन सब के अलावा भी और भी ऐसी मोटर कंपनी का असर खत्म होने के बाद बढ़ोत्तरी देखने को मिली हैं।
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