वाराणसी: अविमुक्तेश्वरानंद को ज्ञानवापी जाने से रोकने के लिए उनके केदारघाट स्थित मठ को उत्तर प्रदेश पुलिस ने घेर लिया है। अविमुक्तेश्वरानंद का आरोप है कि मठ आने वालों को भी रात से ही नहीं आने दिया जा रहा है। नाराज अविमुक्तेश्वरानंद पूजा होने तक अन्न जल त्याग कर अपने मठ के दरवाज़े पर अनशन पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा है कि या तो उन्हें ज्ञानवापी के शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति दी जाए, या फिर प्रशासन पूजा पाठ कर उन्हें अवगत कराए।
अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि एक बार कोई पूजा के लिए निकल जाता है, तो बगैर पूजा किये भोजन ग्रहण नहीं करता है। हम भी पूजा के लिए निकल चुके थे। अब जब तक पूजा नहीं कर लेते, तब तक भोजन नहीं कर सकते हैं। अब मठ में वापस भी नहीं जा सकते हैं। इसलिए पूजा की अनुमति मिलने तक द्वार पर ही बैठेंगे। बता दें कि विवादित ज्ञानवापी परिसर के वुजूखाने में मिली आकृति को आदि विश्वेश्वर शिवलिंग मानते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने चार जून को वहां जलाभिषेक कर पूजन करने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि उनके साथ 71 भक्तों का जत्था भी ज्ञानवापी में पूजा करने जाएगा।
दरअसल, ज्योतिष एवं द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द को निर्देश दिया था कि ज्ञानवापी में प्रकट हुए आदि विश्वेश्वर का पूजन शुभ मुहूर्त देखकर अविलंब प्रारंभ कर दिया जाए। जिसके बाद गुरु आज्ञा के चलते स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने ज्ञानवापी जाकर शिवलिंग पूजन का ऐलान किया था।
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