समय-समय पर शास्त्रों को पढ़ना चाहिए क्योंकि उसमे हमारे जानने योग्य कई बातें होती हैं. ऐसे मे आज हम कुछ जानकारी देने आए हैं. जी दरअसल हिन्दू धर्म ग्रंथो और शास्त्रों में शारीरिक संबंध बनाने के सही समय के बारे में बताया गया है. केवल इतना ही नहीं बल्कि इसी के साथ ही यह भी बताया गया है कि हमे किस समय शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए. आइये जानते है
जी दरअसल ब्रह्मवैवर्त पुराण के श्रीकृष्णखंड में बताया गया है कि, ''दिन के समय और सूर्योदय, सूर्यास्त के समय स्त्री पुरुष को यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए.'' जी दरअसल ऐसा करने से अगले सात जन्मों तक व्यक्ति रोगी होता है और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है.
इसी के साथ कुछ भगवान के मुख्य पर्व मे यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए, क्योंकि इस तिथि में ऐसा करने से अगले जन्म मे पशु, कीड़े, कीट के रूप में जन्म मिलता है.
इसी के साथ पूर्णिमा, चतुर्दशी और अष्टमी तिथि में भी यौन संबंध बनाने की मनाही है. वहीं अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको नर्क का वास करना पड़ता है.
कहा जाता है ग्रहण जैसी अशुभ तिथि में भी संबंध नहीं बनाना चाहिए. इसी के साथ-साथ जन्माष्टमी, रामनवमी, होली, शिवरात्रि, नवरात्रि इन शुभ रात्रियों में भी संबंध नहीं बनाने चाहिए.
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