ढाका: बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। 22 अक्टूबर 2024 को सैकड़ों छात्रों ने राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ प्रदर्शन किया और बंगभवन पर कब्जा करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। छात्रों के दबाव में अंतरिम सरकार ने शेख हसीना से जुड़ी छात्र संगठन ‘बांग्लादेश छात्र लीग’ पर प्रतिबंध लगा दिया है।
विरोध तब शुरू हुआ जब राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने एक साक्षात्कार में कहा कि उनके पास शेख हसीना का इस्तीफा नहीं है। उन्होंने बताया कि 5 अगस्त को शेख हसीना राष्ट्रपति भवन आने वाली थीं, लेकिन उन्होंने अपनी यात्रा रद्द कर दी। इसके बाद सेना प्रमुख जनरल वकार के आने पर भी उन्होंने स्थिति के बारे में पूछताछ की, लेकिन कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली। हालांकि, पहले यह खबर आई थी कि शेख हसीना ने भारत रवाना होने से पहले इस्तीफा सौंप दिया था, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया था।
राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट से सलाह लेकर मुख्य सलाहकार की नियुक्ति की, लेकिन शेख हसीना के इस्तीफे के दस्तावेज नहीं मिलने के कारण अंतरिम सरकार की वैधता पर सवाल उठ रहे हैं। तस्लीमा नासरीन ने भी इस पर सवाल उठाते हुए अंतरिम सरकार को अवैध बताया। विधि सलाहकार आसिफ नजरूल ने राष्ट्रपति पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी मानसिक क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं।
छात्रों ने 22 अक्टूबर को पाँच माँगें रखी थीं, जिसमें ‘बांग्लादेश छात्र लीग’ पर प्रतिबंध और राष्ट्रपति शहाबुद्दीन का इस्तीफा शामिल है। सरकार ने छात्रों की माँग के अनुसार ‘बांग्लादेश छात्र लीग’ पर प्रतिबंध लगा दिया है, और अब माना जा रहा है कि छात्रों के दबाव में राष्ट्रपति का इस्तीफा भी लिया जा सकता है।
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