नयागढ़: ओडिशा राज्य के नयागढ़ से एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे पता चलता है कि आज भी समाज के कुछ श्रेणी कैसे अंधविश्वास की बेड़ियों में जकड़े हुए हैं। यहां एक गांव के व्यक्तियों ने एक मरे हुए व्यक्ति को मंत्र-तंत्र से जीवित करने का प्रयास किया। मृतक का पोस्टमॉर्टम तक हो चुका था। विज्ञान तथा टेक्नोलॉजी के इस आधुनिक युग में ये चौंकाने वाली घटना नयागढ़ शहर में सारांकुल पुलिस स्टेशन के तहत आने वाले बारासाही गांव में हुई। मृतक की पहचान राबी नाहक के रूप में हुई।
दरअसल, 45 वर्ष के नाहक ने एक स्थानीय त्योहार ‘डांडा नाचा’ में भाग लिया था। इससे संबंधित परम्परा के अनुसार, नाहक ने 36 घंटे तक कुछ नहीं खाया था। दो दिन पूर्व नाहक के बीमार पड़ने के पश्चात् उसे जिला मुख्यालय हॉस्पिटल ले जाया गया, वहां उसने दम तोड़ दिया। हॉस्पिटल प्रोटोकॉल के अनुसार, रविवार को पोस्टमॉर्टम हुआ तथा लाश को नजदीकी व्यक्तियों को सौंप दिया गया। लाश को गांव में लाया गया।
किन्तु वहां मृतक का अंतिम संस्कार करने के बजाय गांव वालों ने एक झाड़-फूंक करने वाले को बुला लिया। उसने मंत्रों के साथ मृतक की आत्मा को बुलाना आरम्भ किया। गांव वालों तथा नाहक के परिजनों ने भी इस विश्वास में प्रार्थना करनी आरम्भ कर दी कि देवी काली तथा महादेव, मृतक को क्षमा करेंगे और वो दोबारा जी उठेगा। आखिरकार सोमवार शाम को गांव वालों ने नाहक की अंत्येष्टि की। वही इस सिलसिले में नयागढ़ के सीडीएमओ डॉ। शक्ति प्रसाद मिश्रा से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा, पोस्टमॉर्टम से सामने आया कि नाहक की मौत डिहाईड्रेशन के कारण हुई जो हीट-स्ट्रोक से हुई थी।
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