नई दिल्ली : अयोध्या के राम मंदिर मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कल महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. कल सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों ही पक्ष आपसी सहमति से मामले को सुलझाऐं. सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. इस मामले में न्यायालय ने दोनों पक्षों को मामला सुलझाने के लिए कहा है. जस्टिस कैहर ने कहा है कि अगर दोनों पक्ष, बातचीत के लिए तैयार हो जाएं तो मध्यस्थता के लिए मैं खुद भी तैयार हूं.
अब इस मामले में सुब्रहमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा कि, " मुस्लिम समाज को सरयू नदी के उस पार मस्जिद बनाने का मेरा प्रस्ताव मान लेना चाहिए, वरना 2018 में जब राज्यसभा में बीजेपी का बहुमत होगा तो कानून बनाकर मंदिर बनाया जाएगा."
गौरतलब है कि इस मामले में बाबरी मस्जिद एक्शन समिति ने मध्यस्थता की पेशकश को ठुकरा दिया है. सदस्यों का कहना है कि इस मसले पर चर्चा की जा चुकी है मगर इसका कोई हल नहीं निकला.
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