नई दिल्लीः देश के सबसे लंबे और पुराने मुकदमों में से एक अयोध्या जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। शीर्ष अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने लिखित दस्तावेजों को जमा करने के लिए सभी पक्षों को तीन दिनों का समय दिया है। शीर्ष अदालत सुनवाई पूरी करने के लिए आज शाम 5 बजे तक का समय लिया था, लेकिन यह एक घंटे पहले ही पूरी कर ली गई है। आज सुनवाई की शुरुआत से ही तीखी दलीलें दी गई।
मौका दिए जाने पर अखिल भारतीय हिंदू महासभा की ओर से दलील देनी शुरू की गईं, तो अदालत का माहौल गर्म था। हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह की ओर से अदालत में किताब दी गई जिस पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने विकास सिंह की ओर से दिए गए नक्शे को भी फाड़ दिया। इस पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सख्त ऐतराज जताया।
अयोध्या मामले की सुनवाई की कवरेज के सिलसिले में न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीएस) ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है- 1. कोर्ट की कार्यवाही पर किसी भी तरह की अटकलबाजी न की जाए। 2. सुनवाई के तथ्यों पर ही खबर की जाए। 3. किसी भी तरह की मस्जिद को गिराने की फुटेज का इस्तेमाल न की जाए। 4. कोर्ट की सुनवाई को लेकर किसी प्रकार के उत्सव को टेलीकास्ट न किया जाए। 5. मामले में किसी भी तरह की डिबेट में अतिवादी विचारों को न दिखाया जाए। राजीव धवन द्वारा फाड़े गए नक्शे के पब्लिशर कुणाल किशोर ने कहा कि धवन बुद्धजीवी हैं। यदि उन्हें नक्शे पर कोई आपत्ति थी तो उन्हें इस पर तभी एतराज जताना था जब इसे दाखिल किया गया था।
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