अयोध्या: राम मंदिर को लेकर लंबी लड़ाई में बेहद सक्रिय रहे विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय को यह विश्वास है कि रामजन्मभूमि न्यास की ओर से प्रस्तावित मॉडल के अनुरूप ही मंदिर का निर्माण किया जाएगा. श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नवनियुक्त महासचिव चंपत राय ने कहा कि गगनचुंबी मंदिर के नाम पर न्यास की ओर से प्रस्तावित मॉडल को खारिज किया जाना ठीक नहीं है.
मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक के बाद बीते शुक्रवार यानी 21 फरवरी 2020 को अयोध्या पहुंचे चंपत राय ने कहा कि सच्चाई यह है कि देश की आजादी के बाद इतनी ऊंचाई वाला कोई मंदिर नहीं बना. जमीन की सतह से 141 फीट ऊंचे मंदिर को गगनचुंबी ही कहा जाएगा. तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव भव्यता के पर्याय माने जाने वाले स्वामिनारायण संप्रदाय की परंपरा के मंदिरों का वास्ता देकर भी न्यास की ओर से प्रस्तावित मंदिर की भव्यता परिभाषित करते हैं. यह बताकर कि भव्यता के पर्याय माने जाने वाले स्वामिनारायण की परंपरा के चाहे जो मंदिर हों, वे 104-105 फीट ऊंचे ही हैं और उनका परिसर भले बड़ा हो, पर मंदिर का एरिया रामजन्मभूमि न्यास के मंदिर के एरिया जितना ही है. वह यह स्पष्ट करना भी नहीं भूलते कि किसी मंदिर का शिखर ऊंचा होना, उतना अहम नहीं है, बल्कि कॉरीडोर एवं कांप्लेक्स से किसी भवन अथवा मंदिर की भव्यता तय होती है और इस दिशा में विकास तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास जमीन की कमी नहीं है.
वहीं इस बात को लेकर उन्होंने कहा 70 एकड़ जमीन कम नहीं होती. धर्मशाला, गोशाला और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए जरूरत पड़ी, तो अन्यत्र जमीन ली जा सकती है और यह जरूरी नहीं है कि मंदिर निर्माण के लिए रामजन्मभूमि परिसर से लगी और भूमि अधिग्रहीत की जाय. राय ने कहा कि अगले दो वर्ष में इतना निर्माण जरूर हो जाएगा कि वह दूर से भी नजर आने लगे.
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