सत्तू में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, मैग्नीशियम तत्व पाए जाते है. सत्तू के सेवन कई स्थानों पर किया जाता है. गर्मी के मौसम इसका सेवन करना चाहिए. आयुर्वेद के अनुसार, सत्तू का सेवन करने से गले के रोगों सहित उल्टी, भूख, प्यास, गर्मियों में होने वाली कई अन्य रोगों के होने से बचाता है.
यह शरीर को ठंडक देता है. उत्तरप्रदेश और बिहार में सत्तू बहुत ही लोकप्रिय है, यहां इसके स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए जाते है. सत्तू सिर्फ स्वादिष्ट नहीं बल्कि सेहत के लिए लाभकारी भी है. इसमें मौजूद फाइबर आंतो को स्वस्थ बनाए रखता है. सत्तू भूख, पित्त, पेट, प्यास, थकावट और आँखों की बीमारी में लाभकारी है.
सत्तू गर्मी के दुष्प्रभाव और लू की चपेट में आने से रोकता है. यह खून की गड़बड़ियों को भी दूर करता है. सत्तू से प्राकृतिक रूप से रक्त शोधन का गुण होता है. सत्तू को घर में ही बनाया जा सकता है. यह भूने हुए जौ और चने को पीस कर बनाया जाता है. यह चूर्ण के रूप में रहता है जिसे पानी में घोल कर पिया जाता है.
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