नई दिल्ली: बॉलीवुड में ड्रग्स मामले का खुलासा होने के बाद से देश में नशेबाजी को लेकर बहस छिड़ गई है. एक सवाल उठ रहा है कि त्योहारों पर सरेआम भांग का सेवन करना और कुंभ में साधुओं का चिलम पीना क्या उचित है? इस सवाल के जवाब में योग गुरु बाबा रामदेव ने एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा कि, "कुंभ में या कहीं भी चिलम या गांजा पीने वाले को भी सजा दो. ये सभी लोग नशेड़ी हैं, साधु नहीं. चिलम पीने वाला साधु नहीं हो सकता. चाहें कोई भी व्यक्ति नशा करें, उसे सजा मिलनी चाहिए."
रामदेव ने आगे कहा कि, "त्योहारों के नाम पर भांग पीने वाले, जुंआ खेलने वाले, गांजा पीने वाले अपने होली-दिवाली जैसे पर्वों को बदनाम करते हैं. हम भगवान राम, कृष्ण, हनुमान की पूजा करते हैं. ये हमारी कौन-सी परंपरा है. हमारी परंपरा दिव्यता की है. किसी शास्त्र में नहीं लिखा है कि हमारे पूर्वज नशा किया करते थे. पूर्वजों की आड़ लेकर नशा करन धर्म नहीं है, ये पाप है."
इतना ही नहीं रामदेव ने इस नशे के धंधे में शामिल बड़े अधिकारियों को भी दण्डित किए जाने की बात की. योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि, 'नशे के कारोबार के लिए बड़ी-बड़ी एजेंसी और अधिकारियों को भी दंड मिलना चाहिए. नशा का सेवन करना, खरीदना, बेचना और उसमें सहयोग करने वाले लोगों को जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए.'
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