नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ एलोपैथी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुनवाई 18 अगस्त तक स्थगित कर दी है. कोर्ट ने प्रतिवादियों को 24 घंटे के अंदर अपने जवाब दायर कराने का निर्देश दिया है. दरअसल मामला एलोपैथी को लेकर कथित रूप से गलत सूचना फैलाने से संबंधित है. इस मामले में सात डॉक्टर संघों ने बाबा रामदेव के विरुद्ध दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी.
दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले डॉक्टरों के संघों में तीन रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, ऋषिकेश, पटना और भुवनेश्वर, एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स, पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़, यूनियन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स ऑफ पंजाब (URDP), रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, मेरठ और तेलंगाना जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन, हैदराबाद शामिल हैं.
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा है कि बाबा रामदेव बड़े पैमाने पर जनता को भ्रमित कर रहे थे. वह कह रहे थे कि एलोपैथी कोरोना से संक्रमित कई लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार थी. वह कह रहे थे कि एलोपैथिक डॉक्टर मरीजों की मौत की वजह बन रहे थे. अपनी याचिका में संघों ने कहा है कि बाबा रामदेव न सिर्फ एलोपैथिक उपचारों बल्कि कोरोना टीकों की सुरक्षा और प्रभावकारिता के संबंध में आम जनता के मन में संदेह उत्पन्न कर रहे थे.
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