नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव से संबंधित पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट को पांच वर्षों के लिए टैक्स में छूट दी गई है. यानी अब इस संस्था को देने वाले डोनेशन के बदले दानदाता टैक्स में छूट प्राप्त कर सकता है. बता दें कि यह रियायत पहले भी मिली थी, जिसे अब पांच वर्षों के लिए आगे बढ़ा दिया गया है. गौरतलब है कि इस तरह की छूट किसी यूनिवर्सिटी, कॉलेज या वैज्ञानिक रिसर्च में लगी संस्था को वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए दी जाती है.
इसका सीधा अर्थ है कि कोई भी शख्स या संस्था यदि पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट को कुछ दान देता है तो वह इस दान के बराबर की राशि अपने टैक्सेबल इनकम से कम कर सकता है. उसकी टैक्स के लायक इनकम इसकी हिसाब से घट जाएगी. बता दें कि पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट ने पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की थी, जिसका उद्घाटन मई 2017 में पीएम मोदी द्वारा किया गया था. आयकर विभाग से जुड़े केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने मंगलवार को एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि, 'केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स 1961 की धारा 35 की उपधारा (1) के क्लॉज (ii) के मकसद के तहत वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए 'रिसर्च एसोसिएशन' की श्रेणी के तहत मेसर्स पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट, हरिद्वार को स्वीकृति दी है.'
अधिसूचना में कहा गया है कि यह आधिकारिक गजट प्रकाशन की तिथि से ही लागू होगा और आकलन वर्ष 2022-23 से 2027-28 तक प्रभावी रहेगा. हालांकि इस छूट के साथ ही कई शर्तें भी रखी गई हैं. पंतजलि को यह सुनिश्चित करना होगा कि 'रिसर्च गतिविधि स्वयं उसके द्वारा ही संचालित की जाएगी. उसने अपना बहीखाता मेंटेन करना होगा और कानूनी रूप से प्रमाणित एकाउंटेंट्स से ऑडिट कराने के बाद इसे इनकम टैक्स विभाग में जमा करना होगा. इसके साथ ही समूह को मिले दान के बारे में एक अलग से पूरा स्टेटमेंट देना होगा कि कितना डोनेशन मिला और रिसर्च पर कितना पैसा खर्च किया गया.
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