
अमृतसर: गणतंत्र दिवस के मौके पर पंजाब के अमृतसर में टाउन हॉल के पास बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को खंडित करने की घटना ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है। यह घटना हेरिटेज स्ट्रीट पर हुई, जहां संविधान की किताब के पास आग लगाने की कोशिश भी की गई। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है, और हर पार्टी ने इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने इस घटना को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) पर हमला बोलते हुए कहा कि पंजाब में पुलिस व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि "पंजाब की पुलिस दिल्ली चुनावों के प्रचार में लगी हुई है। यहां तक कि गणतंत्र दिवस जैसे दिन, जब सुरक्षा के कड़े इंतजाम होने चाहिए, तब भी ऐसी घटना हो गई। यह दर्शाता है कि अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी को बाबा साहेब और जनता की भावनाओं की कोई परवाह नहीं है।"
बीजेपी के नेता शहजाद पूनावाला ने भी आप पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, "आम आदमी पार्टी और उनके सहयोगी दल संविधान और अंबेडकर जी की बातें तो बड़ी-बड़ी करते हैं, लेकिन उनकी सोच अनुसूचित जाति विरोधी और संविधान विरोधी है। गणतंत्र दिवस के दिन बाबा साहेब की प्रतिमा का यह अपमान उसी सोच को उजागर करता है।" बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने इस घटना को शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि "यह घटना सरकारी लापरवाही का नतीजा है, और इसे अति गंभीरता से लिया जाना चाहिए।" उन्होंने पंजाब सरकार से सख्त कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि ऐसे असामाजिक तत्वों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस घटना को अत्यंत निंदनीय बताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, "पंजाब के भाईचारे और एकता को तोड़ने की किसी को अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रशासन को इस घटना की गहन जांच और आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने का निर्देश दिया गया है।" घटना के तुरंत बाद पंजाब पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी युवकों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एआईजी जगजीत सिंह वालिया ने कहा कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।
यह घटना ऐसे समय पर हुई है, जब दिल्ली में मतदान नजदीक है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार इस मुद्दे पर कड़ी कार्रवाई करने में असफल रहती है, तो इसका असर दिल्ली के दलित वोटरों पर पड़ सकता है। दलित समुदाय के लिए बाबा साहेब आंबेडकर का सम्मान सर्वोपरि है, और ऐसी घटना को लेकर उनकी नाराजगी AAP को भारी पड़ सकती है
पंजाब सरकार के लिए यह घटना न केवल एक चुनौती है, बल्कि उसकी प्रशासनिक क्षमता की परीक्षा भी है। क्या भगवंत मान सरकार इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाकर दोषियों को सजा दिलाने में सफल होगी? या यह मामला राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच दबकर रह जाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा कि इस घटना का असर दिल्ली और पंजाब की राजनीति पर किस तरह पड़ता है।