भोपाल। मध्यप्रदेश में जैसे—जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे—वैसे हर पार्टी में टिकिट के लिए घमासान भी बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में बीजेपी ने प्रदेश में 177 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है, बाकी की लिस्ट आना अभी बाकी है। पहली लिस्ट में कई नेताओं के टिकिट काटे गए हैं, ऐसे में जिन सीटों पर अभी उम्मीदवार घोषित नहीं किए गए हैं, वहां के दिग्गजों को अपना टिकिट कटने का डर सता रहा है। अब इन दिग्गज नेताओं ने पार्टी को सीधे तौर पर धमकी देना शुरू कर दी है। बीजेपी ने भोपाल की गोविंदपुरा सीट पर अभी उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है। यह सीट मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की परंपरागत सीट है। बाबूलाल गौर 1977 से यहां से विधायक हैं।
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जानकारी के लिए बता दें कि बाबूलाल गौर भोपाल की गोविंदपुरा सीट से लगातार 10 बार से विधायक हैं। उन्होंने अपना पहला चुनाव 1974 में भोपाल दक्षिण सीट से लड़ा था और जीत दर्ज की थी। इसके बाद वह 1977 से गोविंदपुरा से मैदान में उतरे और तब से अब तक इस सीट पर उनका ही कब्जा है। गौरतलब है कि बाबूलाल गौर 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
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बाबूलाल के बगावती स्वर
बाबूलाल गौर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी को सीधे तौर पर धमकी देते हुए कहा कि अगर उन्हें टिकिट नहीं मिला, तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। बाबूलाल ने कहा कि बीजेपी उनका अपमान कर रही है। पहले उनसे मुख्यमंत्री पद छीना, फिर मंत्री पद और अब टिकिट देने में भी आनाकानी कर रही है। वह यह अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर टिकिट नहीं मिला, तो उनकी बहू कृष्णा गौर गोविंदपुरा से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी, वहीं वे हुजूर से चुनाव लड़ सकते हैं।
शिवराज सरकार के लिए परेशानी का सबब
बाबूलाल गौर की यह धमकी शिवराज सिंह चौहान के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। अगर टिकिट न मिलने पर वे निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं, तो गोविंदपुरा सीट तो वह जीत ही सकते हैं, साथ ही भोपाल की अन्य सीटों पर भी प्रभाव डाल सकते हैं। इसके साथ ही ऐसी भी आशंका है कि बाबूलाल गौर अपने कुछ समर्थकों को भी अन्य सीटों से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतार सकते हैं, जिससे बीजेपी का वोट बैंक कम हो सकता है। इसके अलावा ऐसी भी आशंका है कि वे कांग्रेस में भी शामिल हो सकते हैं, जो बीजेपी के लिए घातक साबित हो सकता है।
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