भाजपा में घर वापसी की खबरे बीते दिनों से झारखंड राज्य से आ रही थी. क्योकि वहां के दिग्गज नेता वह झारखंड विकास मोर्चा प्रमुख बाबूलाल मरांडी भाजपा में वापसी करने वाले थे. बाबूलाल मरांडी की वापसी की खबरों ने भाजपा के बहुत से नेताओं को हैरान कर दिया है. इन नेता की हैरान की वजह से पार्टी का एक बड़ा खेमा जहां खुश दिखाई दे रहा है वहीं कुछ शीर्ष नेताओं को उनकी एंट्री की चर्चा ही अखरने लगी है. वजह स्पष्ट है, ये तमाम नेता बाबूलाल के कद के आगे अपने को बौना महसूस करते हैं और उन्हें पता है कि यदि झाविमो प्रमुख अपनी टीम के साथ भाजपा में आ गए तो उन्हें किसी शीर्ष पद पर ही बैठाया जाएगा और उनकी उम्मीदों को झटका लगेगा.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भाजपा में फिलहाल नेता प्रतिपक्ष का पद रिक्त रखा गया है, वहीं प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा भी इस्तीफा देने के बाद बस अगली व्यवस्था काबिज होने तक ही बने हुए हैं. ये दोनों वे अहम पद हैं, जिनमें किसी एक पर बाबूलाल को इंट्री के साथ ही बैठाया जा सकता है. ऐसी संभावना जताई जा रही है. भाजपा में नेता प्रतिपक्ष के दो सशक्त दावेदार हैं. सीपी सिंह ने तो विशेष सत्र के दौरान अपनी मजबूत उपस्थिति का एहसास करा अपनी योग्यता भी साबित की है.
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विधानसभा चुनाव जीतकर आने वालों में नीलकंठ सिंह मुंडा फिलहाल पार्टी का सबसे बड़ा आदिवासी चेहरा हैं. बाबूलाल यदि भाजपा में शामिल होते हैं और उन्हें नेता प्रतिपक्ष की जवाबदेही दी जाती है तो दोनों पुराने शीर्ष नेताओं की उम्मीदों को बड़ा धक्का लगेगा. बाबूलाल के समक्ष प्रदेश अध्यक्ष का विकल्प भी रखा जा सकता है. इस पद के लिए भाजपा में आधा दर्जन से ज्यादा दावेदार हैं.
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