पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने देश की अर्थव्यवस्था के प्रबंधन को लेकर शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि निकट भविष्य में आर्थिक मंदी की बुरी आशंका जाहिर की गई थी जो सच साबित हो गई . उन्होंने नई नौकरियों के सृजन में मिली नाकामी को भाजपा सरकार की असफलता बताया.
उल्लेखनीय है कि जीडीपी अनुमान जारी होने के एक दिन बाद वित्त वर्ष 2017-18 के लिए वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाए जाने पर पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार के बड़े-बड़े दावे हवा में उड़ गए.उन्होंने कहा, कि हाल में ही पैदा हुआ सामाजिक असंतोष आर्थिक मंदी की प्रत्यक्ष अभिव्यक्ति है, अब समय आ गया है कि सरकार बड़े-बड़े दावे करने के बजाय कुछ ठोस काम कर के दिखाए.
चिदंबरम ने कहा कि हमारा डर और चेतावनी सही साबित हुई है. जीडीपी की विकास दर वित्त वर्ष 2015-16, 2016-17 और 2017-18 (अनुमानित) में क्रमश: 8.0 फीसदी, 7.1 फीसदी और 6.5 फीसदी है. इन आंकड़ों से साबित होता है कि मंदी छाई हुई है. आर्थिक गतिविधियों और विकास दर में गिरावट का मतलब लाखों नौकरियों का नुकसान होना है.निवेश की तस्वीर भी निराशाजनक है और राजकोषीय घाटा बजट अनुमानों को पार कर रहा है .
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