नई दिल्ली. देश की निजी विमानन कंपनी जेट एयरवेज पिछले कुछ महीनों से कई परेशानियों से जूझ रही है और अब इसकी परेशानी कम होने के बजाये बढ़ती ही जा रही है. पिछले कुछ दिनों से इस निजी विमानन कंपनी के कई पायलटों का समूह वेतन न मिलने की वजह से लगातार कम्पनी का विरोध कर रहा है और अब तो कई पायलटों ने ड्यूटी पर आने से इंकार भी कर दिया है.
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दरअसल जेट एयरवेज पिछले कुछ समय से गंभीर कर्ज के बोझ के तले दबी हुई है और इस वजह से यह अपने पायलटों को तकरीबन तीन महीनों से सैलरी नहीं दे पाई है. इन पायलटों को सितंबर के वेतन का लगभग आधा हिस्सा ही मिला है और अक्टूबर और नवंबर माह का तो पुरा वेतन अभी तक लंबित है. अब ऐसे में लम्बे समय से सैलरी नहीं मिलने से नाराज पायलटों में से कुछ पायलटों ने तो बीमारी का बहाना बनाकर ड्यूटी पर आना भी बंद कर दिया है. पायलटों की इस नाराजगी का खामियाजा अब इस विमानन कंपनी (जेट एयरवेज) को ही भुगतना पड़ रहा है और अब जेट एयरवेज को इस वजह से अपनी 14 उड़ानें रद्द करनी पड़ी है.
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देश की एक प्रसिद्ध समाचार एजेंसी ने हाल ही में पेश की अपनी एक रिपोर्ट में इस खबर का दवा किया है. उल्लेखनीय है कि निजी विमानन कंपनी जेट एयरवेज ने कुछ दिनों पहले अपने खर्चे में कमी लाने के लिए घाटे में चल रही 39 सेवाओं को जारी नहीं रखने का बयान दिया था. सूत्रों के मुताबिक कंपनी कोच्चि, तिरुअनंतपुरम और कोङिाकोड से लखनऊ, दोहा और मंगलुरु से अबूधाबी जाने वाली फ्लाइट्स समेत कई अन्य फ्लाइट्स को बंद करने सकती है.
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