हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन भगवान हनुमान की पूजा उपासना और विशेष कृपा पाने का दिन माना गया है। आप सभी को बता दें कि ज्येष्ठ महीने में आने वाले मंगलवार का दिन और भी खास हो जाता है। जी दरअसल ज्येष्ठ मंगलवार को बड़ा मंगल और बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं इस बड़े मंगल का महत्व काफी होता है। इस दिन पर बजरंगबली की विशेष पूजा की जाती है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाले मंगलवार को बुढ़वा मंगल क्यों कहते हैं।
क्यों कहते हैं ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाले मंगलवार को बुढ़वा मंगल - कहा जाता है जब पहली बार भगवान राम और हनुमान जी की मुलाकात हुई तब ज्येष्ठ माह का मंगलवार का दिन था, इसलिए इसे बड़ा मंगल कहा जाता है। इसके अलावा एक अन्य कथा भी है जो कुछ इस प्रकार है। महाभारत काल में जब भीम को अपने बल पर बहुत घमंड हो गया था,तब हनुमान जी बूढ़े वानर का रूप धारण कर भीम के घमंड को तोड़ा था। इसी कारण से ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बुढ़वा मंगल के नाम से भी कहा जाता है। इसी के साथइस दिन विधिवत हनुमानजी की पूजा आराधना करने से सभी काम सफल हो जाते हैं।
हिंदी पंचांग का ज्येष्ठ माह साल का तीसरा महीना माना जाता है। जी हाँ और हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह बीते 17 मई से आरंभ हो चुका है जो 14 जून तक चलेगा। आपको बता दें कि ज्येष्ठ महीने में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जैसे व्रत रखे जाते हैं। जी दरअसल ये व्रत प्रकृति में जल को बचाने का संदेश देते हैं। गंगा दशहरा में नदियों की पूजा और निर्जला एकादशी में बिना जल का व्रत रखा जाता है। ज्येष्ठ माह में 5 मंगलवार के अलावा एक और शुभ संयोग भी बन रहा है। इस वर्ष ज्येष्ठ महीन का शुभारंभ मंगलवार से शुरू हुआ है और इसका समापन 14 जून, मंगलवार को भी होगा। जी हाँ और ज्येष्ठ मास के 5 बड़े मंगल की तारीख -17 मई(शिव योग), 24 मई(विश्कुम्भ योग),31 मई(धृति योग),7 जून(वज्र योग)और 14 जून(साघ्य योग) रहने वाली है।
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