लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बदायूं में सात वर्ष जेल की सजा काट रहे कैदी की गुरुवार को तबीयत अचानक ख़राब हो गई। जिस पर जेल प्रशासन उसे अस्पताल लेकर अस्पताल पहुंची, जहां चिकित्सकों ने कोई बीमारी न होने की बात की। जिसके बाद सिपाहियों ने कैदी को ई रिक्शा में बैठाकर जेल ले गए। लेकिन, इसी दौरान उसकी हालत बिगड़ गयी। जेल प्रशासन ने आनन-फानन में कैदी को PGI लखनऊ में उपचार के लिए भेजा। लेकिन, कैदी ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जेल प्रशासन की माने तो कैदी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार, कोतवाली सहसवान के रसूलपुर के निवासी हरपाल के परिवार की गांव के ही नत्थू सिंह के साथ 2010 में विवाद हो गया था। जिसमें 3 लोगों को गोली भी लग गई। जिस पर नत्थू की ओर से हत्या की कोशिश में मुकदमा दर्ज कराया था। यह मामला अदालत में चला और 8 महीने पहले 10 जून साल 2020 को न्यायालय ने सभी आरोपियों को सात साल की सजा सुनाई। जिसके बाद सभी को जेल भेज दिया गया था।
आठ माह से सजा काट रहे हरपाल की गुरुवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। जेल प्रशासन हरपाल को अस्पताल लेकर पहुंचा। जांच कराई तो डॉक्टरों ने कोई समस्या ना होने की बात कही। जिस पर पुलिसकर्मी उसे वापस लेकर जेल चले गए। इस घटना के कुछ देर बाद ही हरपाल की तबीयत फिर बिगड़ी, तो उसे वापस जिला अस्पताल ले जाया गया। उस वक़्त उसके मुंह से झांग निकल रहा थे। ये देख डॉक्टरों ने उसे PGI रेफर कर दिया। हालांकि अलापुर थाना क्षेत्र के म्याऊं के पास उसकी मौत हो गई।
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