हैदराबाद। भारत में भिखारियों की तादाद कम नहीं है। हर शहर में सुबह - शाम बड़े पैमाने पर भिक्षा मांगने वाले नज़र आ जाते हैं। हालांकि भिक्षावृत्ति को कानून के दायरे में लाया गया है। मगर इसके बाद भी बड़े पैमाने पर लोग भीख मांगते नज़र आते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि, लोगों के सामने जो लोग हाथ फैलाते हैं, उनका संबंध अमीर घरानों से भी है। जी हां, इस बात की जानकारी तब मिली जब जिला प्रशासन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पुत्री इवांका ट्रंप के हैदराबाद दौरे को लेकर पाॅश क्षेत्रों से भिखारियों को हटाने का अभियान चलाया।
पुलिस इन भिखारियों को रिहैबिलिटेशन केंद्र लेकर आई। तो जानकारी सामने आई कि, लंगर होज दरगाह क्षेत्र में बैठने वाले भिखारियों में दो महिलाऐं संपन्न घरानों से ताल्लुक रखने वाली हैं,हालांकि महिलाऐं मानसिकतौर पर कमजोर हैं। यहां से इन महिलाओं को चेरालापल्ली जेल के आनंद आश्रम में लाया गया। जब भिखारियों को लेकर जेल स्टाफ ने जानकारी प्राप्त की तो, इनमें से दो महिलाऐं अच्छी अंग्रेजी बोलने लगीं।
महिलाऐं भिखारियों की तरह नहीं लग रही थीं। इन भिखारियों में शामिल फर्जोना ने जानकारी दी कि, वह अमरीका में ग्रीन कार्ड होल्डर है और हैदराबाद में उसकी काफी ज्यादा संपत्ति है। उसके भाइयों ने उसे जमीन से बेदखल कर दिया। वह अपनी संपत्ति के लिए,लड़ते हुए मानसिक संतुलन खो बैठी।
महिला के पति की मौत हो गई है ऐसे में वह मानसिक तौर पर बीमार हो गई है वहीं डिफेन्स कॉलोनी की रहने वाली दूसरी महिला राबिया बसीरा जेल लाए जाने पर जेल अधिकारियों से झगड़ पड़ी। उसका कहना है कि,मन की शान्ति के लिए वह दरगाह में भीख मांग रही थी।
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