कौन हैं बागेश्वर धाम के युवा संत, जिनके पास लगती है सैकड़ों अर्जी

कौन हैं बागेश्वर धाम के युवा संत, जिनके पास लगती है सैकड़ों अर्जी
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पंडित धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों सुर्ख़ियों का हिस्सा बने हुए हैं। वह अपनी रामकथा और दिव्य दरबार को लेकर बहुत चर्चित हो रहे हैं। इसी के साथ कुछ विवादित बयानों को लेकर भी उनकी चर्चा हो रही है। कहा जाता है कि वे उनके दादाजी की तरह छतरपुर के एक गांव गड़ा में बालाजी हनुमान मंदिर के पास 'दिव्य दरबार' लगाने लगे और उनके लोग इस दरबार के ‍वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते थे। उसके बाद धीरे-धीरे वे सोशल मीडिया के माध्यम से वे लोकप्रिय हो गए।

आप सभी को बता दें कि उनके दरबार में पहले सैंकड़ों लोग अपनी समस्या लेकर आते थे और उन सैंकड़ों लोगों में से पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी किसी का भी नाम लेकर उन्हें बुलाते थे और वह व्यक्ति जब तक उनके पास पहुंचता तब तक शास्त्रीजी एक पर्चे पर उस व्यक्ति के नाम पते सहित उसकी समस्या लिख लेते और उसी में उसका समाधान भी लिख लेते। ऐसे में लोग आश्‍चर्य करने लगे की यह व्यक्ति किस तरह दूर दूर से आए अनजान लोगों को उनके नाम से बुला लेते है और कहता है कि आओ तुम्हारी अर्जी लग गई। केवल यही नहीं बल्कि धीरेंद्र शास्त्री लोगों को यह भी बता देते हैं कि उनकी समस्या क्या है, कितनी है और कब से है। उनके पिता का नाम क्या है और बेटे का नाम क्या है।

छोटे से गांव गड़ा में जब सैंकड़ों से हजारों और हजारों से लाखों लोग आने लगे तो धीरेंद्र शास्त्री जी ने दूसरे शहरों में जाकर 'दिव्य दरबार' लगाना प्रारंभ कर दिया। वहीँ इस पर उनका कहना है कि लाखों लोगों का पर्चा बनाना संभव नहीं इसीलिए अब हम खुद ही लोगों के पास जाकर उनके शहर में दरबार लगा लेते हैं ताकि लोगों को सुविधा हो। हमारा यह दरबार नि:शुल्क है। इसकी में किसी भी तरह से शुल्क नहीं लिया जाता है। आप सभी को बता दें कि आगे उन्होंने यह भी बताया मंदिर में या रामकथा से हमें जो भी पैसा मिलता है हम उसे गरीब की बेटियों की शिक्षा और शादी में खर्च करते हैं। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जब धीरे-धीरे लोकप्रिय होने लगे तो अब वे रामकथा भी कहने लगे हैं।

अब जगह जगह जाकर वे रामकथा कहते हैं और लोगों को हनुमानजी की भक्ति करने के लिए प्रेरित करते हैं। कुछ समय पहले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्रीजी ब्रिटेन गए हैं जहां उन्होंने ब्रिटिश सांसदों और वहां के भारतीय समुदाय के बीच रामकथा का वाचन किया और प्रवचन दिया है। अब उनकी लोकप्रियता देश में ही नहीं विदेश में भी फैल गई है।

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