रायपुर: छत्तीसगढ़ के बहुतचर्चित कोयला घोटाला मामले में निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका कोर्ट ने ठुकरा दी है। अदालत ने आर्थिक गड़बड़ी में सौम्या चौरसिया की पूरी संलिप्तता पाई है। रायपुर के स्पेशल कोर्ट ने सौम्या की जमानत याचिका पर दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनी। सौम्या के वकील ने बच्ची की बीमारी और EWO के रिमांड पत्र का हवाला देकर जमानत मांगी, लेकिन कोर्ट ने इंकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि, सौम्या चौरसिया के छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल का बेहद करीबी माना जाता है। सीएम बघेल की उपसचिव रहते समय नौकरशाहों पर भी सौम्या की जबरदस्त पकड़ थी, इसी का लाभ उठाते हुए उनपर आर्थिक गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। रिपोर्ट के अनुसार , रायपुर की विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने सौम्या चौरसिया की बेटी की बीमारी का हवाला दिया। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि सौम्या की चार वर्ष की बेटी है। अच्छे से देखभाल नहीं होने के कारण उसकी तबीयत बार बार खराब होती रहती है। इस दौरान वकील ने अदालत में बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट को भी प्रस्तुत की।
साथ ही बचाव पक्ष ने बताया कि पिछली रिमांड के दौरान EOW ने अपने पत्र में अभियुक्त को न्यायिक रिमांड में रखने की जरूरत नहीं बताई है। ED और EOW की FIR में पद के दुरुपयोग का प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन इन दलीलों को कोर्ट ने नहीं माना और जमानत याचिका ठुकरा दी। बता दें कि रायपुर के स्पेशल कोर्ट में लगभग 1 घंटे तक दोनों पक्षों में जिरह चली। बहस के बाद अदालत ने फैसला सुनाया कि केस डायरी में आर्थिक गड़बड़ी में सौम्या चौरसिया की संलिप्तता पाई गई है। अदालत ने 25 रुपए कोल लेवी का फायदा उठाने की आशंका जताई है। इस पर रायपुर के स्पेशल कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उप सचिव रही सौम्या चौरसिया के जमानत देने से इंकार कर दिया हैं।
दूसरी तरफ मामले में रायपुर के स्पेशल कोर्ट में EOW ने कोयला घोटाले केस में अरेस्ट किए गए आरोपी हेमंत और चंद्रप्रकाश जायसवाल को पेश किया। इस दौरान कोर्ट ने दोनों की रिमांड एक जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है। अब एक जुलाई के बाद EOW फिर से दोनों आरोपियों को अदालत में पेश करेगी।
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