बजरंगबली को सिंदूर चढ़ना बड़ा ही शुभकारी माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार एक बार माता सीता अपनी मांग में सिंदूर लगा रही थी, तभी हनुमान जी वहां आ गए और उन्होंने सिंदूर लगाने का कारण पूछ लिया. जिस पर माता सीता ने जवाब दिया कि इससे राम जी की उम्र बढ़ेगी और ये सुहाग की निशानी भी है, इतना सुन कर हनुमान जी ने माता सीता के हाथ से सिंदूर का पात्र लेकर अपने पुरे शरीर पर मलने लगे और जय श्रीराम कहते हुए झूमने लगे . इस पर माता सीता ने उन्हें वरदान दिया कि आज के बढ़ से जो कोई भी तुम्हे सिंदूर चढ़ाएगा उसकी हर मनोकामना पूर्ण होगी. एक अन्य मान्यता के अनुसार हनुमान जी जब अशोक वाटिका से लौटे तब हनुमान जी थक कर लेट गए. हनुमान जी को कमजोर होते देख मां सीता ने उन्होने सिंदूर का लेप लगाया जिससे उन्हें नई ऊर्जा प्रदान हुई. तभी भी यह मान्यता प्रचलित है कि जो भी भक्त यहां हनुमान जी का लाल सिंदूर चढ़ाते है. उनकी सभी कामनाएं पूरी होती हैं.
पूरे देश में मौजूद है हनुमान जी के मंदिर
भारत में शहर और गांवों में हनुमान जी के मंदिर मौजूद है. कलयुग में ज्यादा भगवान शंकर के ग्यारवें रुद्र अवतार हनुमान जी को ही पूजा जाता है. इसीलिए हनुमान जी को कलियुग का जीवंत देवता भी कहा गया हैं. वैसे तो भारत में लाखों हनुमान जी के लाखों मंदिर हैं लेकिन उनमें से कुछ मंदिरों की अपनी खास विशेषता है के लिए पहचाने जाते है. जिसके चलते यहां हनुमान जी के दर्शनों के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ता है।
सुंदरकाण्ड के पाठ से प्रसन्न होते हैं मारुतिनंदन
मान्यता है कि सुंदरकाण्ड के पाठ से बजरंग बली बहुत प्रसन्न होते है. सुंदरकाण्ड का पाठ करने से भक्तों हर मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. जो लोग नियमित रूप से इसका पाठ करते हैं उनके सभी दुख दूर हो जाते हैं. सुंदरकाण्ड में हनुमानजी ने अपनी बुद्धि और बल से सीता माता की खोज की है. माना जाता है कि प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को सुंदरकाण्ड का पाठ करना लाभकारी है.
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