बैंगलोर: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का अंतिम दौर चल रहा है. कर्नाटक की सत्ता अगले पांच वर्षों तक किस पार्टी के हाथ में रहेगी? इसका फैसला राज्य के वोटर 10 मई को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में कैद कर देंगे. वोटिंग से पहले कर्नाटक के चुनाव प्रचार के केंद्र में बजरंगबली का मुद्दा गरमाया हुआ है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने बजरंगबली के मुद्दे को लेकर कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया हुआ है.
बजरंगबली के नाम पर मचे सियासी घमसान के बीच इसी संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह का बयान सामने आया है. अमित शाह ने आज यानी रविवार (7 मई) को कहा कि मुझसे पत्रकारों ने सवाल किया कि कर्नाटक का चुनाव बजरंगबली पर चला गया है. शाह ने कहा कि 'इसके जवाब में मैंने कहा कि बजरंगीबली तो अपने मंदिर में ही थे, ये तो कांग्रेस पार्टी बजरंगबली को चुनाव के मैदान में ले आई है.
अमित शाह ने विपक्षी कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये पार्टी (कांग्रेस) तुष्टिकरण की नीति पर ही चलती है. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तुष्टिकरण की नीति की वजह से कांग्रेस ने कई दशकों तक प्रभु श्रीराम को ताले के अंदर बंद करके रखा. उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए ये भी कहा कि अब आज ये बजरंगबली को बदनाम करने पर आमादा हैं.
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