लखनऊ: देश में त्योहारों का समय चल रहा है. वही इस दौरान इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन और ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कुर्बानी को समाज के लिए आर्थिक तौर पर फायदेमंद बताते हुए, सरकार से इसमें सहयोग करने की मांग की है. मौलाना ने कहा है कि कुर्बानी करना कोई रस्म नहीं बल्कि अल्लाह की पसंदीदा इबादत है.
आगे बताते हुए मौलाना ने कहा कि तमाम साहिब-ए-हैसियत मुसलमानों को चाहिए कि सरकार के दिए हुए दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए, अपने घरों में ही कुर्बानी को अंजाम दें. उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रो में ईद उल अजहा की तीनों दिन रेड जोन है, वे लोग दूसरे स्थान पर राशि भेज कर कुर्बानी कराएं. मौलाना फरंगी महली ने कहा कि कोरोना के कारण बेरोजगारी में बढ़ोतरी हुई है, और इस्लामी मदरसे भी आर्थिक तंगी का शिकार हुए हैं.
आगे मौलाना ने कहा कि जो लोग वाजिब कुर्बानियों के साथ हर वर्ष नफली कुर्बानियां कराते हैं, वह इसकी राशि मदरसों में डोनेट कर दें. साथ ही पाटानाला चौक स्थित दारुल मुबलिलगीन के उस्ताद मौलाना कारी मोहम्मद सिद्दीक ने कहा, कि माहे जिलहिजजा का प्रथम अशरह यानी 10 दिन अल्लाह ताला को इबादत के लिए तमाम दिनों से अधिक पसंद है. इस अशरे में एक दिन का रोजा वर्ष भर रोजा रखने के बराबर है. इसी के साथ ईद के मौके पर सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन करना बहुत ही जरुरी है. ऐसा करके हम स्वयं की सुरक्षा ही कर रहे है.
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