इस्लामाबाद: 'बोया पेड़ बाबुल का तो आम कहाँ से खाए' , ये कहावत पाकिस्तान पर एकदम सटीक बैठती है। दरअसल, पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने जिन आतंकियों को पनाह देकर उन्हें पाला-पोसा था, उन्ही आतंकियों ने अब पाकिस्तान के एक आर्मी अफसर को दर्दनाक मौत दे डाली। पाकिस्तान में एक सप्ताह पहले अगवा हुए सैन्याधिकारी कर्नल लाइक बेग मिर्जा का शव गुरुवार को बलूचिस्तान प्रांत के एक हाईवे पर पड़ा मिला है। इस हत्या की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली है। बता दें कि इसे अमेरिका ने 2019 में आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था।
कर्नल लाईक बेग मिर्जा अपने परिवार के साथ बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से लगभग 100 दूर जियारत की यात्रा पर निकले थे। इसके बाद आतंकियों ने उन्हें किडनैप कर लिया। हालांकि, इस दौरान दहशतगर्दों ने कर्नल बेग के परिवार को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। मिर्जा ईद की छुट्टी पर परिवार के साथ कराची से जियारत के लिए रवाना हुए थे। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री कुद्दुस बिजेंजो ने कहा कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी और मिर्जा के परिवार को न्याय मिलेगा। यही नहीं उन्होंने बताया है कि सुरक्षाबलों ने कर्नल मिर्जा के क़त्ल में शामिल लोगों की तलाश में ऑपरेशन भी शुरू कर दिया है। वहीं, पाकिस्तानी सेना के अनुसार, 10-12 आतंकियों का समूह मिर्जा की किडनैपिंग में शामिल था। इसके फ़ौरन बाद सेना ने क्विक रिएक्शन फोर्स को सक्रीय कर दिया था। यही नहीं हेलिकॉप्टर्स को भी आतंकियों की तलाश में लगाया गया है।
बता दें कि सुरक्षाबलों ने बुधवार रात 6-8 आतंकियों को पहाड़ों के नजदीक देखा था। माना जा रहा है कि इन आतंकियों ने संभावित खतरे को भांपते हुए लेफ्टिनेंट कर्नल लाइक बेग मिर्जा की हत्या कर दी और भागने का प्रयास किया। इसके बाद सुरक्षाबलों ने गोलीबारी की, इसमें दो आतंकी मारे गए हैं। जबकि बाकी आतंकी कर्नल मिर्जा के चचेरे भाई के साथ शेष आतंकी भागने में कामयाब रहे।
क्या है बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी :-
बता दें कि, आकार के हिसाब से बलूचिस्तान, पाकिस्तान का सबसे बड़ा सूबा है, मगर बंजर पहाड़ी इलाका होने के चलते आबादी के हिसाब से देश का सबसे छोटा राज्य है। जब भारत दो टुकड़ों में विभाजित हुआ, तब भी बलोच लोगों ने अपने लिए अलग देश की मांग की थी, किन्तु तब उनकी बात नहीं सुनी गई। माना जाता है कि बलूचिस्तान अपनी आजादी के लिए 70 वर्षों से अधिक समय से संघर्ष कर रहा है। इसी आज़ादी के लिए बलूचिस्तान के कई अलगाववादी समूह संघर्ष कर रहे हैं, मगर सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी है। इसका गठन 70 के दशक में हुआ था। जिसका नेतृत्व पहले बलाच मर्री किया करते थे, जो अफगानिस्तान में 2007 में मारे गए थे, इसके बाद BLA ने अपनी गतिविधयां तेज़ कर दी। अब इस संगठन की कमान बशीर जेब बलोच के हाथों में हैं।
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