लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद के मरकाथाना क्षेत्र में यामुना नदी में नाव डूबने के चलते हुए हादसे में मरने वालों की तादाद बढ़ कर 11 हो गई है। इससे पहले घटना के 40 घंटे बाद 9 शव बरामद कर लिए गए थे। अब दो और शव निकाले गए हैं। जिसके बाद हादसे में जान गंवाने वालों की कुल तादाद बढ़कर 11 हो गई है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) के जवान निरंतर बाकि लापता लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, नदी पार कर रही नाव में 33 लोग सवार थे। खबरों के मुताबिक़ बांदा में देर रात NDRF के साथ जिले के डीएम अनुराग पतले, एएसपी लक्ष्मी निवास मिश्रा और एडीएम सुरभि देर रात रेस्क्यू ऑपरेशन में नदी में उतरे। वहीं दोनों टीमों द्वारा देर रात करीब 1:30 बजे तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा और उसके बाद रात में बंद रहने के बाद सुबह छह बजे से ऑपरेशन फिर से शुरू हो गया है। इस मामले में स्थानीय विजय शंकर ने बताया कि हर साल रक्षाबंधन के दिन यमुना नदी के किनारे मेला लगता है, और यमुना नदी की पूजा की जाती है। आपको बता दें कि इस मेले को नवी मेला कहते हैं जिसमें सभी गांव वाले शामिल होते हैं और नाच-गाने का कार्यक्रम चलता है।
उसके बाद महिलाएं यमुना नदी में नौनिर्यां की यात्रा करती हैं, हालाँकि गुरुवार दोपहर नाव डूब जाने की वजह से मेला का आयोजन नहीं किया गया है। दूसरी तरफ स्थानीय रामू ने बताया कि यमुना नदी के उस पार जाने के लिए नाव का ही साधन है, जिससे लगभग रोज 1000-1500 लोगों का आवागमन होता है। वहीं मरका गांव के यमुना नदी पर 2011 से पुल का निर्माण चल रहा है, हालाँकि अभी तक पुल का कार्य पूरा नहीं हो पाया। हालाँकि अगर पुल चालू हो गया होता तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता।
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