मुंबई: आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं इस वायरस से बचने के लिए भारत सरकार ने लॉक डाउन का निर्णय किया. और इस नियम को पूरे देश में लागू कर दिया गया है. लेकिन कल यानी 14 अप्रैल 2020 की सुबह इस लॉक डाउन लकी मियाद बढ़ा दी गई है. जिसके बाद अब तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद मंगलवार को प्रवासी कामगार मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन और ठाणे के मुंब्रा इलाके में अचानक बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरकर गृहराज्य भेजे जाने की मांग करने लगे. बांद्रा में जमा करीब 3,000 लोगों की भीड़ को वापस उनके घरों तक भेजने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. बताया जा रहा है कि ट्रेन चलने का एक मैसेज वायरल होने के कारण बड़ी संख्या में लोग स्टेशन पर जुटने लगे थे. वहीं महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि ट्रेनें शुरू होने की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ आदेश जारी किए गए हैं. अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी.
मिली जानकारी के अनुसार इसके बाद शाम को अपने संबोधन में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रवासी कामगारों को आश्वस्त करते हुए कहा, आप अन्य राज्यों से यहां आकर रह रहे हैं तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. महाराष्ट्र सरकार आपकी सारी व्यवस्था करेगी. लॉकडाउन का मतलब लॉकअप नहीं है. लॉकडाउन खत्म होते ही राज्य व केंद्र सरकार आपको आपके घर भेजने की व्यवस्था करेगी.
वहीं इस बात का पता चला है की बीते मंगलवार को बांद्रा में आए कुछ सौ लोगों को सरकार की तरफ से राशन देना शुरू किया गया तो भीड़ बढ़ने लगी. पुलिस के समझाने पर भी लोग वापस जाने को तैयार नहीं हो रहे थे. चूंकि इकट्ठा हुए लोगों में ज्यादा संख्या एक विशेष समुदाय के लोगों की थी इसलिए पास ही स्थित एक मस्जिद के धर्मगुरु से भी लोगों को समझाने को कहा गया. धर्मगुरुओं के संबोधन के बाद भी जब लोग लौटने को तैयार नहीं हुए तो पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. करीब ढाई घंटे चले घटनाक्रम के बाद ही लोग वहां से तितर-बितर हुए.
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