बैंगलोर: बेंगलुरु में पुलिस ने नकली नोटों के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें 2,000 रुपये के नकली नोटों की छपाई और वितरण का काम किया जा रहा था। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एक व्यक्ति, अफ़ज़ल, ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की बेंगलुरु शाखा में 25 लाख रुपये के नकली नोट बदलने की कोशिश की। बैंक अधिकारियों को इन नोटों पर शक हुआ, जिसके बाद उन्होंने तुरंत पुलिस को जानकारी दी।
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अफ़ज़ल को उसके दो साथियों, अनवर और परशिद के साथ, गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि अफ़ज़ल ने ये नकली नोट केरल के कासरगोड से बेंगलुरु लाए थे और इन नोटों को वैध मुद्रा से बदलने की योजना बना रहे थे। उनका मकसद था कि नकली नोटों को 500 रुपये के असली नोटों से बदलकर और RBI का लेनदेन शुल्क काटने के बाद बची हुई रकम से मुनाफा कमाया जाए। गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने कासरगोड में छापेमारी की और नकली नोट बनाने में इस्तेमाल होने वाली प्रिंटिंग मशीन, कागज़ और 29 लाख रुपये की नकली मुद्रा जब्त की। ये सामग्री इतनी उच्च गुणवत्ता की थी कि यह असली नोटों से काफी मेल खाती थी।
पुलिस के अनुसार, इस गिरोह का मकसद नकली नोटों के जरिए अवैध रूप से बड़ा मुनाफा कमाना था। कुल 54 लाख रुपये की नकली मुद्रा जब्त की गई है, जिसमें 25 लाख रुपये के नोट भी शामिल हैं, जिन्हें एक्सचेंज के लिए प्रस्तुत किया गया था। पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है और गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों को पकड़ने के प्रयास में है। नकली नोटों की समस्या के कारण अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं और जनता से अपील कर रहे हैं कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
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