शतरंज में देश को लगातार सफलता मिलती रही है और देश का प्रतिनिधित्व कर रहे खिलाडी हर टूर्नामेंट में देश का गौरव बढ़ाते रहे है. इसी क्रम में बैंकॉक में 37 देशो के 196 खिलाड़ियों के बीच सम्पन्न हुए बैंकॉक मास्टर्स शतरंज प्रतियोगिता में भारत के खिलाड़ियों ने अपनी छाप छोड़ी है. बैंकॉक मास्टर्स शतरंज प्रतियोगिता में वियतनाम के नोवेन्द्र पियसमारो नें 8 अंको के साथ पहला स्थान हासिल कर खिताब पर कब्ज़ा जमाया वही भारतीय ग्रांड मास्टर दीपन चक्रवर्ती नें 7.5 अंक बनाते हुए दूसरा स्थान पाया.
बैंकॉक मास्टर्स शतरंज प्रतियोगिता में दिग्गजों को पीछे छोड़ते हुए 11 वर्षीय डी गुकेश नें ना सिर्फ तीसरा स्थान हाइसल किया अपना पहला ग्रांड मास्टर नार्म हासिल कर लिया. भारतीय शतरंज के भविष्य के लिए देखे तो 12 वर्षीय प्रग्गानंधा और 13 वर्षीय निहाल पहले ही ग्रांड मास्टर बनने की दहलीज पर खड़े है ऐसे मे गुकेश का सामने आना भारत के लिए अच्छी बात है.
गुकेश नें अंतिम राउंड में अमेरिकन दिग्गज तिमूर गरेव को ड्रॉ पर रोककर यह उपलब्धि हासिल की. वैसे भी भरत में शतरंज के नामी खिलाड़ियों की फेहरिस्त लम्बी रही है मगर भावी पीढ़ी का ये प्रदर्शन देख कर ये कहा जा सकता है कि भारतीय शतरंज का भविष्य बेहद सुरक्षित हाथों में है.
नन्हे शतरंज खिलाड़ी का भविष्य दांव पर लगा
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