ढाका: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसे बांग्लादेश का बताया जा रहा है। दरअसल, अक्सर मदरसों की शिक्षा पर सवाल उठते रहे हैं। भारत के पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल के मौजूदा गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान भी कई दफा कह चुके हैं कि, मदरसों में ही बच्चों को कट्टर मजहबी बनाया जाता है, यहाँ तक कि उन्होंने भारत के सबसे बड़े मदरसे देवबंद के लिए भी कहा था कि, देवबंद में मुस्लिम युवाओं को गैर-मुस्लिमों के खिलाफ जिहाद (लड़ना) करना सिखाया जाता है। इस वायरल वीडियो में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला है।
" Soumya Sarkar is a Hindu cricketer, I don't want to meet him " . When a Bangladeshi madrasa boy is asked which Bangladeshi cricketer he would like to meet. Then the boy answered. pic.twitter.com/NGsHgt5pvS
— Voice Of Bangladeshi Hindus ???????? (@VoiceOfHindu71) August 18, 2022
वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक नाबालिग बच्चा महज इसलिए बांग्लादेशी क्रिकेटर सौम्य सरकार से नहीं मिलना चाहता है, क्योंकि क्रिकटर का धर्म हिंदू हैं, भले ही वह बांग्लादेश के लिए खेलते हैं। यह वीडियो ‘वॉइस ऑफ बांग्लादेशी हिंदू’ नामक ट्विटर हैंडल से साझा की गई है। इसके अनुसार, वीडियो में नज़र आ रहा बच्चा बांग्लादेश के एक मदरसे में पढ़ता है। वीडियो के अनुसार, एक रिपोर्टर बच्चे से पूछता है कि वह किस क्रिकेटर से मिलना चहता है? इस पर बच्चा कहता है कि, 'मैं मुश्फिकुर, मुस्तफिजुर रहमान, तासकीन अहमद और सैरिफुल से मिलना चाहता हूँ।' जब रिपोर्टर बच्चे से सौम्य सरकार के बारे में पूछता है, तो बच्चा कहता है कि, 'सौम्य सरकार तो हिंदू क्रिकेटर है। मैं उससे नहीं मिलना चाहता।'
इस वीडियो पर तरह तरह कि प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं, लोग मदरसा और उसमें दी जाने वाली कट्टरपंथी शिक्षा पर सवाल उठा रहे हैं और उसे शर्मनाक करार दे रहे हैं। एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा है कि, 'बांग्लादेश तो पाकिस्तान से भी बदतर लग रहा है। बस कभी उतना खबरों में नहीं आता, जितना पाकिस्तान।' यहां ध्यान देने वाली बात ये भी है कि, बांग्लादेश-पाकिस्तान भी कभी भारत का ही हिस्सा हुआ करता था, वहां रहने वाले लोग भी भारत से ही गए हैं, ऐसे में इसे दूसरे देश का मामला कहकर पल्ला झाड़ लेना सही नहीं होगा। क्योंकि, आरिफ मोहम्मद भारत के देवबंद में भी ऐसी ही स्थिति होने की बात कह चुके हैं।
वहीं, इस वीडियो पर एक अन्य यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा है कि, 'यहाँ तक कि मुस्लिम बच्चे भी अपने मजहबी जुड़ाव को लेकर काफी स्पष्ट हैं। सिर्फ हिंदू ही भ्रमित हैं। इनका सदियों से ब्रेनवॉश किया जा रहा है। यह नहीं जानते कि शैतान कभी नहीं बदलता और अंततः मूर्ख हिंदुओं को खा जाएगा।' प्रशांत लिखते हैं कि, 'यही वह स्तर है जिससे वे बचपन से ही इनमे नफरत का इंजेक्शन लगाते हैं। इसलिए इस प्रकार के ब्रेनवॉश से दंगों और हिंदुओं की हत्या की उम्मीद की जाती है। फिर वे अपनी गरीबी के लिए दूसरों को दोष देते हैं।'
वेदांत कमेंट करते हुए लिखते हैं कि, 'यह मुस्लिमों की आम सोच है। वे अपने DNA में इसे कभी नहीं बदलेंगे। काफी कम लोग इस बीमारी से उबर पाए हैं।' एक अन्य यूजर ने कमेंट किया कि, 'यह एक किस्म का जहर है, जो इस्लाम मजहब में बच्चों में भरा जाता है। जितनी जल्दी लोग इसे समझ लें और दूसरे धर्मों में चले जाएँ, उतना ही अच्छा है।'
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