ढाका: बांग्लादेश के सूचना एवं प्रसारण मंत्री हसन महमूद ने मंगलवार (1 नवंबर) को कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) भारत का आंतरिक मसला है. मंत्री ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से मना करते हुए कहा कि CAA पर शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की गई है. यह एक कानूनी मामला है. हम इस पर कोई बयान नहीं देंगे.
उन्होंने आगे कहा दोनों देशों में कुछ ऐसे कट्टरपंथी संगठन हैं, जो सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को बिगाड़ना चाहते हैं. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए शेख हसीना सरकार में दिग्गज नेता और मंत्री हसन महमूद ने ये बातें कहीं हैं. हालांकि, पीएम शेख हसीना के बयान को दोहराते हुए हसन महमूद ने कहा कि CAA के तहत बांग्लादेश में हिंदू धर्म मानने वालों को अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं देना चाहिए, क्योंकि बांग्लादेश में हिंदू मुख्यधारा से जुड़े हुए हैं.
बांग्लादेश के मंत्री महमूद हसन का बयान ऐसे वक़्त में आया है, जब हाल ही में केन्द्र सरकार ने शीर्ष अदालत में हलफनामा दाखिल करते हुए कहा है कि CAA वर्तमान में मौजूद भारत की नागरिकता प्राप्त करने के तरीके को किसी प्रकार से प्रभावित नहीं करता है. वैध कागज़ात और वीजा के आधार पर कानूनन प्रवास जारी रहेगा. सरकार ने स्पष्ट करते हुए कहा कि CAA का उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के कुछ विशेष समुदायों के प्रताड़ित लोगों को भारत में शरण देना है.
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