ढाका: बांग्लादेश में 33 जिलों में हिंदुओं के 335 मंदिरों पर हमले हुए हैं। ये आंकड़े हिंसा के शुरूआती 4 दिन, ये 13-17 अक्टूबर, 2021 तक के ही हैं। हिंसा की ऐसी घटनाएँ अब भी बदस्तूर जारी हैं। मंदिरों से सभी चीजें न केवल लूट ली गईं, बल्कि प्रतिमाओं को भी तोड़ दिया गया। वर्ल्ड हिन्दू फेडरेशन (WHF) ने बताया है कि कुल 1800 हिन्दुओं की दुकानों अथवा प्रतिष्ठानों को आग लगा दी गई है। हिंसा का ये नंगा नाच शुरू हुआ दुर्गा पूजा में कुरान की पुस्तक रखे जाने और उसके अपमान की अफवाह उड़ने से।
दर्जनों हिन्दुओं की हत्या और कई हिन्दू महिलाओं के बलात्कार के बाद अब पता चला है कि दुर्गा पूजा के मंडप में कुरान रखने वाला कोई हिन्दू नहीं, बल्कि इक़बाल हुसैन था। 35 वर्षीय इक़बाल हुसैन, कॉमिला के सुजनगर क्षेत्र का निवासी है। उसके अब्बा का नाम नूर मोहम्मद आलम है। उसने ही ननुआ दीघिर पर दुर्गा पूजा के पंडाल में कुरान रखी थी, जिसके बाद उसकी तस्वीर को कुरान का अनादर बता कर वायरल किया गया और हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा शुरू हो गई। इक़बाल हुसैन आवारागर्द है और पता नहीं चल सका है कि वो किसी सियासी दल से जुड़ा हुआ है या नहीं। कॉमिला के SP फारूक अहमद ने कहा कि गुरुवार (21 अक्टूबर, 2021) को होने वाली प्रेस वार्ता में इस बारे में और जानकारी साझा की जाएगी। बता दें कि कुरान वाली अफवाह के बाद न केवल कॉमिला, बल्कि पूरे बांग्लादेश में हिन्दुओं, हिन्दू मंदिरों और दुर्गा पूजा के पंडालों पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हमले किए।
वहीं, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की निंदा करते हुए पूर्व अमेरिकी महिला कांग्रेस की तुलसी गबार्ड ने बुधवार (20 अक्टूबर 2021) को शेख हसीना सरकार से जिहादी ताकतों के विरुद्ध कार्रवाई करने की अपील की। तुलसी गबार्ड ने कहा कि, 'यह बांग्लादेश की ‘कथित धर्मनिरपेक्ष’ सरकार का कर्तव्य है कि वह अपने देश के अल्पसंख्यकों, जिनमें हिंदू, ईसाई और बौद्ध शामिल हैं, की जिहादी ताकतों से रक्षा करे।
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