भारत में अंग तस्करी का रैकेट चला रहे थे बांग्लादेशी घुसपैठीए, चार्जशीट में सनसनीखेज खुलासा

भारत में अंग तस्करी का रैकेट चला रहे थे बांग्लादेशी घुसपैठीए, चार्जशीट में सनसनीखेज खुलासा
Share:

 नई दिल्ली:  गुरुवार, 29 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेश से जुड़े एक अंग प्रत्यारोपण रैकेट के मामले में 7000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। यह रैकेट इस साल जुलाई में पुलिस की छानबीन के दौरान उजागर हुआ था। चार्जशीट में तीन बांग्लादेशी व्यक्तियों के नाम शामिल किए गए हैं, जिनकी पहचान रसेल, मुहम्मद सुमन मियां और मोहम्मद रोकोन उर्फ राहुल सरकार उर्फ बिजय मंडल के रूप में हुई है। जुलाई में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें दिल्ली की 50 वर्षीय महिला डॉक्टर और तीन बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल थे। पुलिस ने हाल ही में स्थानीय अदालत में 7,112 पन्नों की चार्जशीट पेश की, जिसमें दस लोगों को आरोपी बनाया गया है।

अधिकारियों के अनुसार, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन के रूप में कार्यरत महिला डॉक्टर इजया राजकुमारी 2021 से 2023 के बीच बांग्लादेश से आए लगभग 15 लोगों के किडनी प्रत्यारोपण में शामिल थीं। उन्होंने नोएडा के यथार्थ अस्पताल में विजिटिंग कंसल्टेंट के तौर पर कार्य करते हुए भी इन सर्जरी को अंजाम दिया। पुलिस की पूछताछ में आरोपी के पास से 23 स्टैम्प, मरीजों और किडनी डोनरों के लिए फर्जी दस्तावेज और नकली आधार कार्ड मिले। रसेल, जो 2019 में भारत आया और उसने बांग्लादेशी मरीज को अपनी किडनी दान की थी, इस नेटवर्क का मुख्य संचालक था। सर्जरी के बाद, उसने इस नेटवर्क को और भी बढ़ाया। वह बांग्लादेश के संभावित किडनी दाताओं और भारतीय रोगियों के बीच संपर्क स्थापित करता था। बांग्लादेश के कुश्तिया जिले के रसेल ने अपने साथियों मोहम्मद सुमन मियां और इफ्ति (जो दोनों बांग्लादेशी हैं) और त्रिपुरा के रहने वाले रतीश पाल के साथ मिलकर संभावित दाताओं को भारत लाकर उनसे किडनी दान करवाता था। दाताओं को 4-5 लाख रुपये मिलते थे, जबकि प्राप्तकर्ता 25-30 लाख रुपये चुकाते थे।

इफ्ति, जो बांग्लादेश से दानदाताओं को लाता था, रसेल के साथ इस रैकेट में सक्रिय रूप से शामिल था। डॉक्टर विजया कुमारी, जिन्हें पुलिस द्वारा इस रैकेट के खुलासे के बाद निलंबित कर दिया गया था, को 9 जुलाई को गिरफ्तार किया गया। दिल्ली पुलिस ने बताया कि रैकेट का मास्टरमाइंड रसेल नाम का एक बांग्लादेशी व्यक्ति था, जो दानदाताओं और मरीजों दोनों की व्यवस्था करता था। डीसीपी अमित गोयल के अनुसार, इस रैकेट के सभी प्रमुख आरोपी अब पुलिस हिरासत में हैं, और पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है।

'SDM और CMO में सरेआम हो गई तू-तू, मैं-मैं…', थाने पहुंचा मामला

नाम पूछकर 28 हिन्दुओं की हत्या, JK चुनाव में उछला चपनारी नरसंहार का मुद्दा

अपने ही बच्चों को माँ ने कुल्हाड़ी से काटा, मामला जानकर काँप उठेगी रूह

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -