किसानों के नाम पर फर्जी दस्तावेज के जरिये एक कारोबारी ने कथित तौर पर 5400 करोड़ रुपये का कर्ज लिया. यह खुलासा किया है महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने. सदन में एनसीपी नेता मुंडे ने नियम 289 के दायरे में मामले पर रौशनी डालने के मकसद से कहा कि राज्य के परभनी जिले में गंगाखेड शुगर एंड एनर्जी लिमिटेड के प्रवर्तक रत्नाकर गुट्टे ने समूह की विभिन्न कंपनियों द्वारा लिए गए कर्ज को अलग-अलग खाते में ट्रांसफर किया.
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धनंजय मुंडे ने आरोप लगाया कि गुट्टे ने 22 फर्जी कंपनियां बनाकर एक-एक किसान के नाम पर 40 से 50 लाख रुपये तक कर्ज लिया. मुंडे ने कहा कि किसानों के नाम पर यह कर्ज राज्य के नौ जिलों में लिया गया है. मुंडे ने गुट्टे को महाराष्ट्र का छोटे नीरव मोदी बताते हुए कहा कि देश में शायद ही कोई बैंक होगा, जिससे गुट्टे ने कर्ज न लिया हो.
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एनसीपी नेता ने कहा, 'गंगाखेड शुगर एंड एनर्जी लिमिटेड ने 'फसल और परिवहन योजना' के तहत छह सौ से ज्यादा किसानों के नाम पर बैंकों से लोन लिया और अब उन किसानों को बैंकों से नोटिस मिल रहा है, जिसमें से कुछ 25 लाख रुपये से ज्यादा के हैं.' गंभीर आरोपों के बाद विधानसभा के सभापति रामराजे निंबालकर ने सरकार को इस मामले जांच और स्पष्टीकरण के आदेश दिए है.
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