नई दिल्ली: बैंक लोन फ्रॉड केस में केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने बड़ा एक्शन लिया है। CBI ने इस मामले में Videocon के मालिक वेणुगोपाल धूत को अरेस्ट कर लिया है। इससे पहले जांच एजेंसी ने इस मामले में ICICI बैंक की पूर्व MD चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार कर लिया था। आरोप है कि जब चंदा कोचर ICICI बैंक की सर्वेसर्वा हुआ करती थीं, तब उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को बड़ा लोन दिया था। जिसके एवज में चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी नू रिन्यूएबल को वीडियोकॉन से निवेश मिला था।
वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का बैंक लोन देने के मामले में CBI ने पिछले सप्ताह ICICI बैंक की पूर्व MD और CEO चंदा कोचर और उनके दीपक कोचर को अरेस्ट कर लिया था। इसके बाद दोनों को मुंबई की विशेष अदालत ने 3 दिन की CBI हिरासत में भेज दिया। बता दें कि, 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को ICICI बैंक द्वारा बड़ा लोन दिया गया था। जो बाद में गैर निष्पादित संपत्ति यानी Non Performing Asset (NPA) हो गया और बाद में इसे बड़ा "बैंक फ्रॉड" माना गया।
बता दें कि, सितंबर 2020 में केंद्रीय जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दीपक कोचर को अरेस्ट कर लिया था। दरअसल, 2012 में, चंदा कोचर की अगुवाई में ICICI बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का कर्ज दिया और 6 महीने बाद वेणुगोपाल धूत के स्वामित्व वाली मेसर्स सुप्रीम एनर्जी ने मैसर्स न्यूपावर रिन्यूएबल्स को 64 करोड़ का लोन दिया, जिसमें दीपक कोचर की 50 फीसद हिस्सेदारी है।
ICICI बैंक और वीडियोकॉन के शेयरधारक अरविंद गुप्ता ने प्रधानमंत्री, RBI और SEBI को एक पत्र लिखते हुए वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत और ICICI की CEO व MD चंदा कोचर पर एक-दूसरे को फायदा पहुंचाने का इल्जाम लगाया था। इसमें दावा है कि धूत की कंपनी वीडियोकॉन को ICICI बैंक से 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया गया और इसके बदले में धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की वैकल्पिक ऊर्जा कंपनी 'नूपावर' में अपना पैसा लगाया।
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