नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए देश के दस सरकारी बैंकों का विलय करके का ऐलान किया था। सरकार के इस ऐलान के अनुसार, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का पंजाब नेशनल बैंक में विलय में होना है। इस विलय के बाद यह बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बनेगी। जिसका कुल कारोबार 18 लाख करोड़ रुपये का होगा।
यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया यानि यूबीआई के प्रबंध निदेशक और सीईओ अशोक कुमार प्रधान ने बताया कि विलय प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा और नई इकाई एक अप्रैल 2020 से काम करना शुरू कर देगी। तीनों बैंकों ने सम्मिलित रूप से आयोजित कस्टमर मीटिंग में यह जानकारी दी। इस दौरान कहा गया कि विलय के बाद इसके स्टाफ में किसी तरह की कटौती नहीं की जाएगी। बैंकों ने वीआरएस की संभावना से भी इन्कार किया। विलय के बाद इनके कर्मचारियों की कुल संख्या करीब एक लाख हो जाएगी।
वित्त मंत्री ने पिछले दिनों 10 सरकारी बैंकों (पीएसबी) को मिलाकर चार बैंक बनाने की घोषणा की। जिसमें पंजाब नेशनल बैंक में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक का मर्जर होगा। इसी तरह दूसरे मर्जर में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक एक साथ हो जाएंगे। इसके अलावा केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक और इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक शामिल होगा। सरकार के इस ऐलान के बाद इन बैंकों में काम करने वाले बैंककर्मी विरोध प्रदर्शन पर उतर आए। उनका कहना था कि इससे नौकरियों पर असर पड़ेगा। लेकिन सरकार ने इस आशंका को खारिज कर दिया है।
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